सड़क दुर्घटना में दो दोस्तों की मौत, वन विभाग का पेंड़ बना काल

0
जहांगीराबाद (सीतापुर)। ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ……………..। बिल्कुल इन्हीं पंक्तियों को चरितार्थ करते हुये एक घटना शनिवार देर शाम सदरपुर के जहांगीराबाद में घटित हुयी जहां दो दोस्तों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सदरपुर थाना अन्तर्गत जहांगीराबाद निवासी सुरेश विश्वकर्मा का पुत्र *नैमिषशरण (25 वर्ष)* तथा गांव के ही शोभाराम पोरवाल का पुत्र *रोहित (21वर्ष)* शनिवार देर शाम घर से दोस्ती में पल्सर बाइक पर सवार हो घूमने निकले थे, उन्हें क्या पता था कि यह उनकी दोस्ती की आखिरी मौज होगी।
दोनों दोस्त रात नौ बजे लगभग घरवालों से नजरें बचाकर रेउसा रोड पर स्थित नदी के पुल पर टहलने जा रहे थे कि अचानक कई दिनों से सड़क के किनारे पड़े आंधी में गिरे बबूल के पेंड़ में उलझकर बाइक सहित रोड पर गिर गये जिससे उन्हें सिर व नाक में गम्भीर चोटें आ गयीं
और दोनों सड़क पर ही गिर कर बेहोश हो गये।
काफी देर बाद घर वालों को जानकारी हुयी तब वह मौके पर पंहुचे, सदरपुर पुलिस भी मौके पर पहुंच चुकी थी।
बिना देर किये एम्बुलेंस का इंतजार न करके पुलिस ने दोनों घायलों को गम्भीर हालत में एक पिकप में लदवाकर बिसवां सी०एच० सी० भेजवाया जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
परिजनों द्वारा दोनों का पी० एम० न कराने की जिद के चलते पुलिस ने पंचनामा भरकर दोनों शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया।
दोनों शवों के देर रात जहांगीराबाद पहुंचते ही पूरे कस्बे में चीत्कार मच गयी। इस चीत्कार ने अभी इसी वर्ष 30 जनवरी को बारात से वापस आते समय इसी गांव के तीन दोस्तों की सड़क दुर्घटना में हुई दर्दनाक मौत को फिर से ताजा कर दिया।
**************************
*साथ जियेंगे, साथ मरेंगे* की तर्ज पर दोस्ती निभाने वाले दोनों किशोर नैमिषशरण व रोहित अपने अपने पिता की बड़ी संतान थे।इन दोनों के एक एक छोटा भाई है।परिवार वालों व जानने वालों के अनुसार दोनों मृतकों में अगाध मित्रता थी जिसे परिवार के लोग भी नहीं कम कर पा रहे थे।अगर दिन में एक बार आपस में नहीं मिलते थे तो परेशान रहते थे।
दोनों बड़े होनहार थे तथा अपने अपने पिता के सहारा बने थे। नैमिषशरण अपने पिता के साथ इलेक्ट्रिक वैल्डिंग तथा टीनशेड लगाने के काम में महारत हासिल किये था तथा रोहित अपने पिता के साथ गल्ला व लकड़ी खरीदारी करता था।दोनों अपने अपने परिवारों के लिये सिम्बल थे।
**************************
*पेंड़ बना काल*
*************
कई दिनों से सीतापुर-बहराइच मार्ग पर जहांगीराबाद किवानी नदी पुल से पहले आधी सड़क पर आंधी में गिरा बबूल का पेड़ पड़ा था जिसमें फंसकर दो दिनों में काफी लोग चोटिल हो चुके थे फिर भी पुलिस या वन विभाग को यह पेड़ दिखायी नहीं दिया, जिसमेँ फंसकर यह दोनों दोस्तों ने शनिवार दुनिया को अलविदा कहा।
 सर्वजीत सिंह राष्ट्रीय जजमेंट संवाददाता सीतापुर

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More