प्रियंका का यूपी सरकार को पलटवार – प्रदेश सरकार मुश्किल में फंसे प्रवासी मजदूरों की मदद नहीं करना चाहती
प्रवासी मजदूरों की वापसी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के एक हजार बसें चलाने के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्वीकार तो कर लिया लेकिन इसे लेकर सियासत का नया दौर शुरू हो गया है।
बसों के संचालन पर प्रियंका व यूपी के सरकार के बीच लेटर वॉर चल रहा है। सोमवार को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से सौंपी जा रही 1000 बसों को लखनऊ भेजने को कहा था। वहीं, आज उन्होंने कहा कि प्रियंका दोपहर 12 बजे तक नोएडा और गाजियाबाद बॉर्डर पर 500-500 बसें भेज दें।
इसके जवाब में प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त गृह सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि आज शाम पांच बजे तक नोएडा और गाजियाबाद सीमा पर पहुंच जाएगी। कृपया यात्रियों की सूची तैयार रखें।
Sandeep Singh, Personal Secretary to Congress leader Priyanka Gandhi Vadra writes to UP Additional Chief Secy-Home, states, "as requested by you buses will reach Noida &Ghaziabad border at 5pm today, please keep a list of passengers&route map ready to ensure smooth coordination" pic.twitter.com/opQpjcIzJZ
— ANI UP (@ANINewsUP) May 19, 2020
मंत्री ने कहा, कुछ वाहनों के नंबर थ्री व्हीलर, स्कूटर के
इस बीच यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने नया दावा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा भेजी गई बसों की सूची की प्रारंभिक जांच में कुछ वाहनों के नंबर थ्री व्हीलर, स्कूटर और सामान ढोने वाले वाहनों के हैं।
प्रियंका गांधी वाड्रा के कार्यालय ने मंगलवार को आरोप लगाया कि श्रमिकों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर खड़ी 1000 बसों को दस्तावेज समेत लखनऊ भेजने की उत्तर प्रदेश शासन की मांग राजनीति से प्रेरित है
और लगता है कि प्रदेश सरकार मुश्किल में फंसे मजदूरों की मदद नहीं करना चाहती।
उसने राज्य सरकार से यह आग्रह भी किया कि तत्काल एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए जिससे समन्वय करके बसों के माध्यम से श्रमिकों को उनके घर भेजने का काम आरंभ हो सके।
गौरतलब है कि सोमवार को प्रियंका के कार्यालय से उप्र शासन ने 1000 बसों व चालकों के विवरण की मांग की थी। प्रियंका के कार्यालय के मुताबिक सोमवार रात उप्र शासन ने फिर से पत्र भेजकर कहा कि बसों को तमाम दस्तावेजों के साथ लखनऊ भेजा जाए।
कांगेस ने लगाया था समय की बर्बादी का आरोप
कांग्रेस महासचिव के निजी सचिव संदीप सिंह ने सोमवार देर रात उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर कहा कि जब हजारों मजदूर पैदल चल रहे हैं और हजारों की भीड़ पंजीकरण केंद्र पर उमड़ी हुई है,
तब सिर्फ खाली बसों को लखनऊ भेजना न सिर्फ समय की बर्बादी है, बल्कि हद दर्जे की अमानवीयता भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि आपकी सरकार की मांग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित लगती है। ऐसा लगता नहीं है कि आपकी सरकार विपदा का सामना कर रहे श्रमिकों की मदद करना चाहती है।
यूपी सरकार ने सोमवार को मांगी थी 1000 बसों की सूची
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने सोमवार को प्रियंका के निजी सचिव को पत्र लिखकर अविलंब एक हजार बसों की सूची, ड्राइवर व कंडक्टर का नाम व अन्य जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है,
जिससे इनका उपयोग प्रवासी मजदूरों की सेवा में हो सके।
प्रियंका ने 16 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा था कि पलायन करते हुए बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर और 500 बसें नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है। इसका पूरा खर्चा कांग्रेस वहन करेगी।
इसके बाद कांग्रेस ने बसों की सूची उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उस सूची का निरीक्षण करने के बाद अब कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि इस सूची में बाइक और अन्य गाड़ियों के भी नंबर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने बताया कि कांग्रेस के बसों की सूची में मोटरसाइकिल तिपहिया वाहनों और कार के नंबर शामिल हैं।
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सरकार के आरोप पर कांग्रेस ने दिया ये जवाब
कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का कहना है कि सरकार जानबूझकर गुमराह कर रही है। इनकी आईटी सेल नंबरों में हेराफेरी करके यह काम कर रही है।
मैं स्वयं फतेहपुर सीकरी में राजस्थान बॉर्डर पर मौजूद हूं। हमारी बसें तैयार हैं। सरकार अनुमति दे, तत्काल चलवा देंगे।
गोवर्धन में राजस्थान के बॉर्डर पर रविवार को आ गई थीं 500 बसें
मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के 1000 बस देने के प्रस्ताव को प्रदेश सरकार ने स्वीकार कर लिया है।