आरा मशीन मालिकों को अब भी नही मिली छूट, हालात कर रहे भीख मांगने और आत्महत्या को मजबूर

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लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पूरे देश मे अब लॉक डाउन का चौथा चरण 17 से 31 मई तक चल रहा है। पीएम मोदी द्वारा समूचे देश को अपने संबोधन के दौरान

उन्होंने लॉक डाउन 4.0 की घोषणा की और साथ-साथ यह भी कहा कि चौथा लॉक डाउन नए रंग रूप वाला होगा तो

देश के कुछ व्यापारी वर्ग में उम्मीद जागी कि 17 मई के बाद उनके व्यापार पर लगी रोक भी हट जाए लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ जिसकी उन्हें उम्मीद थी।

कोरोना काल मे आरा मशीन व्यवसायी भी हैं जो छूट न मिलने के चलते बहुत ही चिंतित है एवं उसके साथ साथ लकड़ियों की चिराई न होने के चलते उनका फटना और

सड़ जाना, शून्य काल न होने पर उत्तराखंड वन विकास निगम में जमा लाखों- करोड़ों रुपये की जमानत राशि का जब्त होना,बिजली बिल तथा

बैंक से लिये गए लोन के माह दर माह बढ़ते ब्याज की चिंता उन्हें दिन रात सता रही है।

आरा मशीन के चलने के दौरान वहां कम से कम 20 से 25 मजदूरों एवम कामगारों का जीवन यापन भी होता था परंतु वर्तमान में आरा मशीन मालिक उन्हें भी संभालने की स्थिति में नही है क्योंकि

वे स्वयं ही उपरोक्त तमाम समस्याओं के चलते भीख मांगने एवम आत्महत्या करने की स्थिति में पहुच रहे हैं।

ऐशबाग स्थित एक आरा मशीन के मालिक से जब इस विषय मे हमारे संवाददाता ने जानकारी लेनी चाही तो वह भावुक हो गए और उन्होंने बताया कि

यदि सरकार ने समय रहते हमे अपने व्यापार संबंधी छूट नही दी तो हम कोरोना से तो बाद में मरेंगे उससे पहले हमारे व्यवसाय संबंधी समस्याएं ही मार डालेंगी यदि

सरकार हमे लॉक डाउन के दौरान छूट प्रदान कर दे तो हम स्वयं ही इन समस्याओं से बाहर निकलने में सक्षम होंगे।

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