मेरठ : प्राइवेट लैब वालों की लापरवाही से स्वस्थ लोग भी बने Corona positive, डीएम ने मांगी रिपोर्ट
मेरठ में मॉडर्न पैथोलॉजी लैब में कोविड-19 की जांच में बड़ी लापरवाही सामने आई है। बीते दो दिनों में लैब ने आठ लोगों के सैंपल जांचने के बाद उनको कोरोना पॉजिटिव बताया। इन्हीं लोगों की सरकारी लैब में दोबारा जांच कराई गई तो छह लोग निगेटिव पाए गए। लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाली इस लैब का लाइसेंस निरस्त करने के लिए डीएम ने शासन को संस्तुति भेज दी है।
रानी मिल बागपत रोड पर मॉडर्न लैब के दो सेंटर हैं। यह गुरुग्राम की कंपनी है। लैब में कोविड-19 जांच के लिए 3800 रुपये लिए जाते थे। सीएमओ डॉ. राजकुमार ने बताया कि मॉडर्न लैब से अब तक 1253 सैंपल की जांच हुई है। इनमें से 24 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कुछ दिन पहले एक महिला के सैंपल की जांच की गई तो वह निगेटिव आई जबकि इस लैब ने उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव दी थी।
वहीं फर्जीवाड़े के शक में मॉडर्न लैब के अन्य आठ सैंपल की जांच 24 मई को मेडिकल की माइक्रोबायोलॉजी लैब में कराई गई। इनमें से छह सैंपल निगेटिव मिले जबकि निजी लैब में ये सभी सैंपल 21 मई को पॉजिटिव आए थे। इससे साफ है कि सैंपल की जांच में लापरवाही या गड़बड़ी हुई है। इस मामले में डीएम के माध्यम से शासन को कार्रवाई के लिए लिखा जा रहा है।
सीएमओ ने बताया कि लैब के कर्मचारी मेरठ से कलेक्शन करते हैं और गुरुग्राम में इनकी जांच होती है। इस लैब को शासन से सैंपल जांच की अनुमति मिली हुई है। डीएम के निर्देश पर पॉजिटिव आए सैंपलों की दोबारा जांच कराई गई। सीएमओ का कहना है कि यह मशीनों का भी फाल्ट हो सकता है, लेकिन यह बड़ी लापरवाही है। प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।
मॉडर्न लैब में कोविड-19 की जांच में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। इसकी जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लैब का लाइसेंस निरस्त करवाने के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। पूरे मामले में सीएमओ से भी रिपोर्ट मांगी गई है। – अनिल ढींगरा, डीएम