मध्य-प्रदेश छतरपुर : गरीब किसान ने बेटे की मौत पर मृत्यु भोज नहीं खिला पाने से, पंचायत ने सुनाया अजीब फरमान

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मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की पंचायतों ने एक गरीब परिवार को ऐसी सजा दी. जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया. किसान बृजगोपाल पटेल के 15 साल के बेटे की कुएं में डूबने से 9 मार्च को मौत हो गई थी. आर्थिक तंगी से बेहाल किसान और 23 मार्च से लॉकडाउन लगने की वजह से अपने बेटे का मृत्यु भोज नहीं कराया पाया. इसकी वजह से पंचायत ने उसे भोज न देने का अपराधी माना और समाज से बाहर कर दिया.
पंचायत की तरफ से फरमान सुनाया गया कि जब तक वह अपने बेटे की मौत का गांव वालों को भोज नहीं करा देता तब तक उसके यहां गांव के किसी भी व्यक्ति का आना जाना नहीं होगा. ना ही वो सार्वजनिक कुएं से पानी भर सकता है और किसी भी तरह की सार्वजनिक गतिविधियों में शामिल भी नहीं हो सकता है.
किसान ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है. लेकिन पंचायत के लोग अब किसान पर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं. साथ धमकी दे रहे हैं कि आने वाले समय में पंचायत की तरफ से और भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
जिसकी वजह से परिवार डर गया है और इस मामले में किसी से बात नहीं कर रहा है.पुलिस का कहना है कि शिकायत मिल गई है और इसकी गरहराई से जांच की जा रही है. पुलिस दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कह रही है. मामले को तूल पकड़ता देख सागर रेंज के आईजी अनिल शर्मा ने गांव में जाकर इस मामले की निरक्षण किया और निर्देश दिये की इस मामने जांच जल्द से जल्द पूरी करें.
मृतक के दादा जग्गी पटेल का कहना है कि लॉकडाउन होने से पहले उनके पौते की मौत हो गई थी. जवान पोते की मौत का दुख ऊपर से आर्थिक तंगी की वजह से हम लोग मृत्युभोज नहीं करा सके. इसलिए पंचायत ने उन्हें ऐसी कड़ी सजा दी. इस सजा में हम लोग बहुत परेशान हैं.
सोर्स – aajtak.intoday.in

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