देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है, जिसमें केंद्र सरकार के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन करके इंडिया शब्द हटा कर देश का नाम भारत या हिन्दुस्तान रखने की मांग की गई है। यह अनुच्छेद देश के नाम और इलाके को परिभाषित करता है। अब सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 2 जून को सुनवाई करेगा। बता दें कि इस याचिका पर 29 मई को ही सुनवाई होनी थी लेकिन 29 मई को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के मौजूद न होने के कारण अन्य कुछ मामलों के साथ इस मामले की सुनवाई भी 2 जून तक के लिए टाल दी।
इंडिया शब्द गुलामी का प्रतीक
दरअसल दिल्ली के रहने वाले एक व्यक्ति ने याचिका दाखिल कर कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन कर इंडिया शब्द हटा दिया जाए। कहा गया है कि अभी अनुच्छेद 1 कहता है कि भारत अर्थात इंडिया राज्यों का संघ होगा। याचिका में कहा गया है कि इसकी जगह संशोधन करके इंडिया शब्द हटा दिया जाए और भारत या हिन्दुस्तान कर दिया जाए। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने कहा है कि इंडिया शब्द गुलामी का प्रतीक लगता है। देश को मूल और प्रमाणिक नाम भारत से ही मान्यता दी जानी चाहिए। इससे लोगों में राष्ट्रीय भावना भी पनपेगी। इंडिया शब्द की जगह भारत करने से हमारे पूर्वजों के कठिन संघर्ष से प्राप्त आजादी के साथ न्याय होगा।
याचिकाकर्ता द्वारा आर्टिकल 1 में संशोधन की मांग
गौरतलब है कि याचिका में 1948 में तत्कालीन प्रस्तावित संविधान के आर्टिकल 1 पर हुई संविधान सभा की बहस का हवाला देते हुए कहा गया है कि देश का नाम भारत या हिंदुस्तान रखने के पक्ष में मजबूत धारणा थी। याचिका कहती है, ‘हालांकि, अब देश को इसका मूल और वास्तविक नाम भारत देने का वक्त आ गया है जो है, खासकर तब जब हमारे शहरों के नाम भारत की आत्मा से जोड़कर बदले जा रहे हैं।
हरिशंकर पाराशर,राष्ट्रीय जजमेंट संवाददाता, कटनी