सैफई मेडिकल कॉलेज : सफल परीक्षण के बाद बन सकती है कोरोना वायरस की दवा

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उत्तर प्रदेश के इटावा स्थित सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय की ओर से तैयार की गई आयुर्वेदिक दवा राज निर्वाण बूटी (आरएनबी) करोना के मरीजों को राहत दे रही है। कुलपति प्रो. डॉ. राजकुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में भर्ती 20 मरीजों पर इस बूटी के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
इसके परिणामों पर पायलट स्टडी भी की जा रही है। जल्द ही इसे देश के सामने लाएंगे। प्रो. डॉ. राजकुमार ने बताया कि यह दवा 12 आयुर्वेदिक मिश्रणों से तैयार हुई है। कोरोना मरीजों पर रिसर्च के प्रोटोकॉलों का अनुपालन कर इसे आजमाया गया है।
कोरोना के मामले आने के साथ ही विश्वविद्यालय ने इसपर रिसर्च करनी शुरू कर दी थी। हमने सबसे पहले यह देखा कि कोरोना शरीर के किन-किन हिस्सों पर पहले अटैक करता है। जिसकी वजह से कोविड मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। इसके बाद प्राचीन चिकित्सा की उन दवाओं को छांटा गया जो इस सिस्टम के लिए कारगर हैं।
फिर इन प्राचीन दवाओं पर आधुनिक चिकित्सा में हुए शोधों का अध्ययन किया गया। महत्वपूर्ण रिसर्च के लिए विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्यों की मदद भी ली गई। फिर कोविड-19 अस्पताल में भर्ती 103 मरीजों में से 20 मरीजों का चयन किया गया। जिनमें कोरोना के अधिक लक्षण थे।
इथिकल क्लियरेंस लेने के बाद इन मरीजों पर रिसर्च क्लीनिकल ट्रायल डॉक्यूमेंट्री प्रूफ के साथ शुरू किया गया। राज निर्वाण बूटी के मरीजों पर सकारात्मक परिणाम भी आ गए। सभी मरीज पांच से सात दिनों में ठीक होने लगे।
राज निर्वाण बूटी की 125 मिली ग्राम मात्रा पांच मिलीग्राम शहद के साथ दी जाती है। प्रो. राजकुमार ने बताया कि इस ट्रायल को आगे भी 20 अन्य करोना पॉजिटिव मरीजों पर किया जा रहा है। यदि यह ट्रायल भी सफल रहा तो यह माना जाएगा कि भारत ने कोरोना का ट्रीटमेंट खोज लिया है।

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