लोकतंत्र की ताकत- अमेरिकन पुलिस ने घुटने पर बैठकर जनता से मांगी माफी

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कल तक अमेरिका के योद्धा  लूथर किंग जूनियर, भारत के महात्मा गांधी से अपने आंदोलन की प्रेरणा लेते थे।
आज विश्वगुरु भारत उस चम्पकलोक में पहुंच चुका है,
जहां भारतीयों को अब अमेरिका में चल रहे प्रशासन और सरकार विरोधी आंदोलन से सबक लेनी की ज़रूरत है।

मतलब हमने अपनी विरासत गंवाई है।

आज अमरीका में लोकतंत्र इतना मजबूत हो गया है कि पुलिस द्वारा आफ्रिकी मूल के व्यक्ति, जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के विरोध में जनता के नौकर डोनाल्ड ट्रम्प के घर का घेराव, खुद मालिक जनता ने कर लिया।
ट्रम्प को बंकर में छुपा दिया गया। पुलिस घुटनों के बल झुककर देश और जनता से माफी मांग रही है।
पूरे देश में हलचल है और जनता कह रही है कि ट्रम्प! सिंहासन छोड़ो कि जनता आती है।
क्या भारत में आप अपने मिडिल और प्रधान सेवकों के खिलाफ इस तरह के विरोध प्रदर्शन की कल्पना कर सकते हैं?
क्या आपका सेवक जनता के डर से बंकर में छिप सकता है?
क्या आपकी पुलिस और सेना अपनी ज्यादतियों के लिए घुटने के बल गिरकर और सिर झुकाकर जनता से माफी मांग सकती है?
सोचिए…
भारत में ऐसी किसी भी स्थिति की आप कल्पना भी नहीं कर सकते ना!! हाकिम और मालिक, जनता से डर जाए? ये कैसे होगा?
अगर भारत में ऐसा नहीं हो सकता है तो जान लीजिए कि आपका लोकतंत्र एक छलावा है।
जनता मालिक ना होकर गुलाम बना ली गयी है। संविधान की आड़ लेकर काले अंग्रेज़ इस देश पे राज कर रहे हैं।
और आप अभी तक इस भुलावे में थे कि देश आजाद हो गया है और भारत संप्रभु गणराज्य बन चुका है, जहां के लोकतंत्र के भाग्य विधाता आप, यानी जनता है।
कितनी बड़ी खुशफहमी, कितने सालों से पाल रक्खी है आप लोगों ने? अमरीका को देखकर आंख खुली या नहीं??

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