गृह मंत्री से मिलने सुबह-सुबह उनके घर पहुंचे CM शिवराज

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भोपाल।शुक्रवार की सुबह अचानक गृह मंत्री से मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंच गए। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में बात हुई। उसके बाद अटकलें तेज हो गई हैं। साथ ही कैबिनेट विस्तार से पहले नरोत्तम से मुलाकात के मायने भी निकाले जा रहे हैं।
एमपी में कैबिनेट विस्तार को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। तारीख पर तारीख के बाद भी शिवराज कैबिनेट को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है। शुक्रवार की सुबह सीएम शिवराज सिंह चौहान अचानक से गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंच गए। इस बीच खलबली और तेज हो गई है। अचानक से सीएम शिवराज बीजेपी के संकटमोचक कहे जाने वाले नरोत्तम के घर क्यों पहुंचें।
दरअसल, नरोत्तम मिश्रा, शिवराज सरकार में नंबर दो की हैसियत रखते हैं। नरोत्तम एमपी बीजेपी के उन नेताओं में से हैं, जो पार्टी को हर मुश्किल वक्त से निकालना जानते हैं। ऑपरेशन लोट्स के दौरान भी नरोत्तम विरोधियों के निशाने पर थे। विधायकों के बात करते हुए, उनका एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। कैबिनेट विस्तार को लेकर भी बीजेपी में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई बड़े नेताओं की नाराजगी की खबर भी है
क्यों पहुंचे शिवराज
कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश में कैबिनेट विस्तार को लेकर जो परिस्थिति बनी है, शायद सीएम उसी पर चर्चा के लिए गए थे। इसके साथ ही बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच उपचुनाव और राज्यसभा की रणनीति पर भी चर्चा हुई है। हालांकि मुलाकात के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसे सामान्य मुलाकात ही बताया है। लेकिन जिस तरीके से सीएम सीएम मंत्री घर पहुंचे हैं, उससे लगता नहीं है कि यह सामान्य मुलाकात है।
सिंधिया पर तोमर से सवाल, कहा- बीजेपी बड़ी पार्टी है, हर किसी को पचाने में सक्षम
कहां फंस रहा पेंच
दरअसल, कैबिनेट विस्तार में कई रोड़े हैं और कई चर्चाएं भी चल रही हैं। एक तो सिंधिया समर्थकों के आने के बाद से अपने बड़े नेताओं को कैबिनेट में एडजस्ट करना शिवराज के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। ऐसे में कई दिग्गज नेताओं ने प्रेशर गेम शुरू कर दिया है। कुछ दिन पहले बीजेपी के कुछ दिग्गज नेताओं ने शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात भी की थी। ऐसे में पार्टी को डर है कि उपचुनाव में ये बगावत कहीं भारी न पड़ जाए।
वहीं, शिवराज सिंह चौहान ने 2 दिन पूर्व पत्रकार से कहा था कि कोरोना से ऊबरने के बाद कैबिनेट का विस्तार करेंगे। बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का भी कुछ दिन पहले बयान आया था कि सभी वरिष्ठ विधायकों को कैबिनेट में शामिल करना मुमकिन नहीं है।
उपचुनाव में बढ़ सकती हैं मुश्किलें
बीजेपी भले ही ऊपर से कह रही है कि पार्टी में सब ठीक है। लेकिन उपुचानव वाले जगहों के नेताओं के तेवर बता रहे हैं, पार्टी में सब सही नहीं है। खुल कर तो अभी 1-2 नेता ही आए हैं। लेकिन इन सीटों पर पूर्व से काबिज बीजेपी के दिग्गज नेता अपने करियर को लेकर चिंतित हैं। वैसे नेताओं को भोपाल तलब कर लगातार मेल मिलाप का दौर जारी है।
हरिशंकर पाराशर, कटनी RJ

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