भारत-चीन तनाव- आज चीन सीमा में मिलेंगे दोनों देशों के अधिकारी
नई दिल्ली/बीजिंग. पूर्वी लद्दाख में सेनाओं के बीच तनाव को लेकर भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों के अफसरों में शुक्रवार शाम बातचीत हुई।
दोनों ही देशों ने मौजूदा हालात की समीक्षा की।
न्यूज एजेंसी को सूत्रों ने बताया कि दोनों ही देशों का मामला है कि मतभेदों को शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए ही हल करना चाहिए।
दोनों देशों के मिलिट्री कमांडरों में शनिवार सुबह बातचीत होगी।
न्यूज एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि यह बातचीत चीन के मोल्डो में होगी।
इस दौरान 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह चीन के मेजर जनरल लियू लिन से बातचीत करेंगे।
लियू लिन साउथ झिंनझियांग मिलिट्री रीजन के कमांडर हैं।
मिलिट्री और डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए बातचीत जारी
इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने शुक्रवार को कहा कि अभी सीमा पर भारत और चीन के बीच हालात स्थिर और नियंत्रण करने लायक हैं।
हमारे पास सीमा से जुड़े मुद्दों के लिए पूरा मैकेनिज्म है और मिलिट्री और डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए भी बातचीत जारी रखते हैं।
हम इस मामले को अच्छी तरह से सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
तनाव कम करने के लिए भारत के पास विस्तृत प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिक, भारत चीन के सामने पेंगॉन्ग सो, गलवान घाटी और डेमचोक में दोनों सेनाओं के बीच तनाव को कम करने के लिए खास प्रस्ताव पेश करेगा।
पिछले एक महीने से इन्हीं इलाकों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव सामने आ रहा है।
माना जा रहा है कि भारत इस इलाके में यथा स्थिति बनाए रखने की बात चीन से कहेगा।
हालिया तनाव को लेकर अब तक दोनों देशों के बीच अब तक 10 बार बातचीत हो चुकी है।
यह बातचीत लोकल कमांडर स्तर पर और मेजर जनरल रैंक के अफसरों तक के बीच में हुई है।
हालांकि, अभी तक इन चर्चाओं का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला है।
मई में दोनों सेनाओं के बीच तीन बार झड़प हुई
भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस महीने तीन बार झड़प हो चुकी है।
इन घटनाओं पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय सैनिक अपनी सीमा में ही गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
भारतीय सेना की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पार एक्टिविटीज की बातें सही नहीं हैं।
वास्तविकता में यह चीन की हरकतें हैं, जिनकी वजह से हमारी रेगुलर पेट्रोलिंग में रुकावट आती है।
इस महीने झड़पें कहां, कब और कैसे हुई?
1) तारीख- 5 मई, जगह- पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील
उस दिन शाम के वक्त इस झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए।
भारत ने चीन के सैनिकों की मौजूदगी पर ऐतराज जताया। पूरी रात टकराव के हालात बने रहे।
अगले दिन तड़के दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प हो गई।
बाद में दोनों तरफ के आला अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।
2) तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- उत्तरी सिक्किम में
16 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद नाकू ला सेक्टर
यहां भारत-चीन के 150 सैनिक आमने-सामने हो गए थे। आधिकारिक तौर पर इसकी तारीख सामने नहीं आई।
हालांकि, एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां झड़प 9 मई को ही हुई।
गश्त के दौरान आमने-सामने हुए सैनिकों ने एक-दूसरे पर मुक्कों से वार किए।
इस झड़प में 10 सैनिक घायल हुए। यहां भी बाद में अफसरों ने दखल दिया। फिर झड़प रुकी।
3) तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- लद्दाख
जिस दिन उत्तरी सिक्किम में भारत-चीन के सैनिकों में झड़प हो रही थी, उसी दिन चीन ने लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने हेलिकॉप्टर भेजे थे।
चीन के हेलिकॉप्टरों ने सीमा तो पार नहीं की,
लेकिन जवाब में भारत ने लेह एयरबेस से अपने सुखोई 30 एमकेआई फाइटर प्लेन का बेड़ा और बाकी लड़ाकू विमान रवाना कर दिए।