नई दिल्ली : अरविंद केजरीवाल ने किया खुद को आइसोलेट, दिखे वायरस संक्रमण के लक्षण

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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबीयत थोड़ी खराब बताई जा रही है। उन्हें रविवार से गले में दर्द और बुखार की शिकायत है। यह कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण हैं। इसीलिए उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है। अब उनका मंगलवार को कोरोना वायरस टेस्ट होगा। बताया जा रहा है कि कल (7 जून) दोपहर से अरविंद केजरीवाल ने सारी मीटिंग कैंसिल कर दी थीं। रविवार दोपहर से उन्होंने किसी से मुलाकात नहीं की है।
दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने इस संदर्भ में कहा, “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कल से थोड़ा बुखार और गले में दर्द है। कल दोपहर से उन्होंने अपने आपको आइसोलेट कर रखा है। डॉक्टर ने सलाह दी है कि कल उनका कोरोना टेस्ट होगा। हम सब ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि वे सकुशल रहें और जल्दी से स्वस्थ होकर वापस काम पर लौटे।”
वहीं, अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री रविवार दोपहर से ही अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। उन्होंने बताया, ‘‘रविवार को दोपहर बाद से ही उन्हें गले में खराश और बुखार की शिकायत महसूस हो रही थी। डाक्टरों की सलाह के अनुसार मुख्यमंत्री मंगलवार की सुबह कोविड -19 जांच कराएंगे।’’ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने रविवार की सुबह कैबिनेट की एक बैठक में भाग लिया था और उसके बाद वह किसी बैठक में शामिल नहीं हुए।
बता दें कि दिल्ली में कोरोना वायरस के केस लगातार तेजी से बढ़ते जा रहा है। रविवार को दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,282 नये मामले सामने आने के साथ ही यहां कोविड-19 के कुल मामले बढ़ कर रविवार को 28,936 हो गये, जबकि यहां इस महामारी से मरने वालों की संख्या 812 पहुंच गई है। दिल्ली सरकार द्वारा जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, यहां कोविड-19 के 17,125 मरीज इलाजरत हैं, जबकि 10,999 लोग या तो संक्रमण मुक्त हो गये हैं, या उन्हें अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की थी कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों का इलाज करेंगे और शहर की उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा से लगतीं सीमाएं सोमवार से खुलेंगी। केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के लिए इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा और यदि दूसरे राज्यों के लोग कुछ विशिष्ट ऑपरेशनों के लिए दिल्ली आते हैं तो निजी अस्पतालों में उनका उपचार कराना होगा।

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