रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के खिलाफ- ट्वीट करने के लिए एफ.आई.आर दर्ज

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उत्तर प्रदेश में कोरोना टेस्ट कराने वाले कुछ जिलाधिकारियों को मुख्य सचिव द्वारा हड़काए जाने संबंधी ट्वीट करने पर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ महामारी अधिनियम समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय ने बताया कि -:
हजरतगंज कोतवाली में सचिवालय चौकी प्रभारी सुभाष सिंह की तरफ से केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
रिटायर्ड आईएएस ने बुधवार रात ट्वीट में लिखा था कि-
“मुख्य सचिव ने ज्यादा कोरोना टेस्ट कराने वाले कुछ डीएम को हड़काया है।”
रिटायर्ड आईएएस ने अपने ट्वीट में लिखा था कि -:
सीएम योगी की टीम-11 की मीटिंग के बाद मुख्य सचिव ने ज्यादा कोरोना टेस्ट कराने वाले कुछ डीएम को हड़काया कि-:
“क्यों इतनी तेजी पकड़े हो, क्या ईनाम पाना है, जो टेस्ट-टेस्ट चिल्ला रहे हो?”
देखिए सूर्य प्रताप सिंह रिटायर IAS ऑफिसर का Twitter – https://twitter.com/suryapsinghias/status/1271102764915908608?s=20

 

इसी ट्वीट में उन्होंने मुख्य सचिव के ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए लिखा कि-:
“क्या वह स्थिति स्पष्ट करेंगे? उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा यूपी की स्ट्रेटेजी नो टेस्ट नो कोरोना वाली है।”
अपने इस ट्वीट में उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्य सरकार के अधिकारिक ट्विटर हैंडल को भी टैग किया है।
उनके इस ट्वीट पर कई प्रतिक्रियाएं मिलनी शुरू हो गईं।
बाद में रिटायर्ड आईएएस ने इसी ट्वीट पर खुद जवाब देते हुए लिखा कि -:
“मुख्य सचिव ने मेरे कथन को नकारा नहीं है।”
यदि सही है तो ये राजनेताओं को खुश करने के लिए कर्त्तव्यों से पलायन है।
कृपया विचार करें।
उनके इस ट्वीट पर पुलिस की तरफ से आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज करके जांच की जा रही है।

सत्य पक्ष की जीत होगी, सत्ता पक्ष की नहीं 

रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने बाद में
और ट्वीट करते हुए लिखा कि सत्य पक्ष की जीत होगी, सत्ता पक्ष की नहीं।
साथ ही उन्होंने पुलिस से एफआईआर की कॉपी उपलब्ध कराने की बात लिखी है।
इसके अलावा उन्होंने पूरे प्रकरण पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी मुद्दों पर जवाब देने की भी बात कही है।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि 25 साल में 54 ट्रांस्फर जब मेरी सदनीयत व नीतियां नहीं बदल सके
तो एक एफआईआर क्या बदलेगी?
सत्य पक्ष हमेशा सत्ता पक्ष पर भारी पड़ता है। जय हिंद।

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