सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा डीएम को लगाई फटकार,कहा-केंद्र सरकार के विपरीत नहीं हो सकता आदेश

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नई दिल्‍ली. क्‍वारंटाइन के नियमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के कलेक्‍टर को कड़ी फटकार लगाई है
कोर्ट ने कहा कि डीएम का आदेश केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों से अलग नहीं हो सकता है.दरअसल, नोएडा में कोरोना वायरस (COVID-19) के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्‍थानीय प्रशासन ने होम-क्‍वारंटाइन (Quarantine) की जगह इंस्‍टीट्यूशनल क्‍वारंटाइन का आदेश दिया था.
जिसके तहत कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर पूरे इलाके को ही सील कर दिया जाता है.
दूसरी तरफ, उत्‍तर प्रदेश सरकार ने सुनवाई के दौरान बताया कि गाजियाबाद और नोएडा में सिर्फ जरूरी सेवाओं
मीडिया और वकीलों को ही प्रवेश दिया जाएगा,
क्‍योंकि दिल्‍ली में इन शहरों के मुकाबले कोरोना के मामले 40 फीसद तक ज्‍यादा हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उत्‍तर प्रदेश सरकार को इस नीति को लेकर हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
साथ ही कोर्ट ने स्‍पष्‍ट कहा कि जिलाधिकारी का आदेश केंद्र के दिशा-निर्देशों से अलग नहीं हो सकता है.
वहीं, हरियाणा सरकार ने कहा कि उसने दिल्‍ली से लगने वाली सभी सीमाओं को खोल दिया है.
किसी के भी आने या जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है
 सर्वोच्च अदालत ने नोएडा के जिला अधिकारी के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि
दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव लोगों को होम-क्वारंटाइन किया जा रहा है,
जबकि यहां महामारी के मामले ज्यादा हैं. कोर्ट ने कहा कि आप कोरोना के कम लक्षण वाले मरीजों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन कर रहे हैं, जबकि अन्य लोग होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दे रहे हैं
 सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा डीएम के इस आदेश को लेकर यूपी सरकार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है
अदालत में जब यूपी सरकार के वकील ने कहा कि प्रदेश में
केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है, तो सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इसकी पूरी जांच करें और तब हमें बताएं.
अंशुल शर्मा राष्ट्रीय जजमेंट संवाददाता ✍️

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