नोएडा- कोरोना के शक में अस्पताल की सातवीं मंजिल से कूदकर युवती ने की आत्महत्या

0

नोएडा. 

कोरोना इंफेक्शन के कारण तो लोगों की मौत हो ही रही है।

अब इसका खौफ भी लोगों को मार रहा है।

नोएडा के ईएसआईसी में भर्ती एक युवती ने कोरोना के शक में आत्महत्या कर ली।

उसका का कोरोना टेस्ट नहीं हुआ, टेस्ट होने से पहले ही उसने हार मान ली।

युवती के परिजनों ने उसकी मौत के लिए अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी हत्या का शक जताया है।

हालांकि अस्पताल का कहना है कि उनकी तरफ से कोई गलती नहीं हुई है।

पुलिस युवती के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मामले की जांच में जुटी है।

आत्महत्या की जांच के लिए अस्पताल में एक विशेष टीम बनाई गई है।

जानकारी के मुताबिक –

सोमवार सुबह नोएडा के सेक्टर-24 स्थित ईएसआईसी अस्पताल की सातवीं मंजिल से कूदकर एक युवती ने आत्महत्या कर ली।

घटना जल्द सुबह 5 बजे की बताई जा रही है।

सेक्टर-45 के खजूर कालोनी निवासी,

पूजा राम की 22 वर्षीय बेटी कंचन को पिछले कुछ दिनों से खांसी हो रही थी।

कंचन के भाई अनिल कुमार ने बताया कि,
रविवार की सुबह करीब 10 बजे उसे ईएसआईसी अस्पताल ले गए।
हम सुबह से रात तक अस्पताल में घूमते रहे लेकिन उसे इलाज नहीं दिया गया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने कंचन का एक्सरे कराया तो कहा कि लंग्स खराब हो गए हैं।
इसके बाद बहुत मिन्नतें कीं तो डॉक्टर भर्ती करने के लिए तैयार हुए।
शाम 7 बजे अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन 8 बजे तक उसे कोई इलाज नहीं दिया।
मेरी बहन को कोरोना नहीं था, वह दर्द से तड़प रही थी।
वह इलाज न मिलने से काफी परेशान थी।

वह बार-बार अस्पताल के कर्मचारियों से कह रही थी,

सर मेरा इलाज कर दीजिए, मेरा इलाज कब करोगे, जब मैं मर जाऊंगी।

अनिल कुमार ने कहा कि कोई अस्पताल की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर लेता है।

और अस्पताल के कर्मचारियों को भनक तक नहीं लगती है, ये कैसे हो सकता है।

मेरी बहन की तबियत इतनी ज्यादा खराब थी कि वह चल भी नहीं सकती थी फिर उसने इतनी ऊंचाई से छलांग कैसे लगा दी।

यह आत्महत्या नहीं हत्या है जोकि अस्पताल ने की है।

जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए किया एक कमेटी का गठन, ईएसआईसी की कार्यशैली पर सवाल

वहीं ईएसआईसी के निदेशक डॉ बलराज भंडारी ने बताया कि,

युवती को जब अस्पताल लाया गया तो उसे तुरंत भर्ती कर लिया गया था।

इसके साथ ही उसका इलाज भी शुरू कर दिया गया था।

उन्होंने बताया कि युवती की मानसिक स्थिति ठीक नहीं लग रही थी।

वहीं मामले को लेकर जिला प्रशासन ने एक और कमेटी का गठन किया है,

जो इस मामले की जांच करेगी की लापरवाही किसके तरफ से बरती गई।

सूत्रों कि मानें तो इएसआईसी कैंपस में लगातार घट रही घटनाओं ने प्रबंधन की कार्यशैली पर सावल खड़ा कर दिया है।

इसे लेकर केंद्रीय कमेटी की एक टीम बुधवार को सेक्टर 24 स्थित अस्पताल का दौरा कर सकती है।

इसके साथ ही घटना के वक्त तैनात कर्मचारी और नर्स से पूछताछ भी कर सकती है।

इस बीच नोएडा जोन-1 के डीसीपी संकल्प शर्मा ने बताया कि,

शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि युवती का कोरोना टेस्ट नहीं हुआ था।

मौत के बाद बॉडी को टेस्ट के लिए भेजा गया है लेकिन उसकी रिपोर्ट 7 बजे तक नहीं आई है।

परिजन उसके अंतिम संस्कार के लिए परेशान हो रहे हैं

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More