भारत गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद l का गैर-स्थायी सदस्य निर्विरोध चुन लिया गया है। एशिया-प्रशांत
श्रेणी की सीट से भारत आठवीं बार गैर-स्थायी सदस्य बना है।बहुपक्षीय प्रणालियों में सुधार के लक्ष्य के साथ
भारत इस कार्यकाल का बेहतर उपयोग करके एक स्थायी सीट के अपने दावे को आगे बढ़ा सकेगा। सीट के
लिए दावेदार सात देशों में, भारत 2021-22 के लिए क्षेत्र से निर्विरोध था।
भारत संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के एशिया-प्रशांत समूह का समर्थन प्राप्त करने वाला एकमात्र उम्मीदवार था
और इस मुकाबले में कोई देश नहीं आया। 15 सदस्यीय परिषद में पांच अस्थायी सीट में से एक के लिए भारत
का चुनाव किया गया है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में कुछ राजनयिकों ने इसके लिए काफी आंतरिक प्रयास किए हैं।
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भारत को उम्मीद है कि विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट के लिए अपनी दावेदारी को
आगे बढ़ाने के लिए वह अपने आठवें कार्यकाल का उपयोग करेगा। सुरक्षा परिषद के प्रत्येक नए सदस्य को दो
तिहाई वोट जीतने की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि सभी 193 देशों के वोटों के अनुसार 128 वोट।
इसके लिए कई बार मतदान करना पड़ता है।
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सुरक्षा परिषद में वीटो-अधिकार वाले पांच बड़े देश ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के अलावा 10 गैर-
स्थायी सदस्य हैं। गौरतलब है कि भारत की उम्मीदवारी का पिछले साल जून में एशिया प्रशांत ग्रुपिंग के 55
सदस्यों ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया था। इनमें चीन और पाकिस्तान भी शामिल था। भारत के दृष्टिकोण से
चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह के बदलाव से उसकी उम्मीदवारी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला था।
भारत के नागरिकता कानून का जिक्र
विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा- हम सुरक्षा परिषद और इस्लामिक सहयोग संगठन को कश्मीरियों के खराब हालात
की जानकारी देते रहे हैं। भारत ने 5 अगस्त को आर्टिकल 370 हटाया। लेकिन, कश्मीरी इसको नहीं मानते।
महामारी के नाम पर वहां अवैध तलाशी अभियान जारी है। नागरिकता कानून के जरिए अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है।
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क्यों चुने जाते हैं अस्थाई सदस्य
सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य चुनने का मकसद यह होता है कि वहां क्षेत्रीय संतुलन बना रहे। अफ्रीका और एशिया-प्रशांत देशों के लिए तय दो सीटों पर तीन उम्मीदवार जिबूती, भारत और केन्या हैं।
ऐसे होता है चुनाव
193 सदस्यों वाले संयुक्त राष्ट्र में भारत को जीत के लिए दो-तिहाई यानी 128 सदस्यों का समर्थन चाहिए। सदस्य देश सीक्रेट बैलेट से वोटिंग करते हैं। भारत का कार्यकाल 1 जनवरी से शुरू होगा।
भारत कब-कब अस्थाई सदस्य चुना गया
भारत आठवीं बार सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना जा रहा है। इसके पहले 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में भारत यह जिम्मेदारी निभा चुका है।
निर्विरोध चुना जाना तय हो गया था
एशिया प्रशांत क्षेत्र से चीन और पाकिस्तान समेत 55 देशों ने पिछले साल जून में समर्थन दिया था। ऐसे में भारत का निर्विरोध चुना जाना तय हो चुका था। समर्थन देने वाले एशिया पैसिफिक देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, इंडोनेशिया, ईरान, जापान, किर्गिस्तान, मलेशिया, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, सीरिया, तुर्की, यूएई और वियतनाम शामिल हैं।
सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश हैं। इनमें पांच स्थायी सदस्य हैं। ये हैं- अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन। 10 देशों को अस्थाई सदस्यता दी गई है। हर साल पांच अस्थायी सदस्य चुने जाते हैं। अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल होता है।