लॉक डाउन से मिली आर्थिक तंगी और भूख ने दी मौत, मासूम को मिली अनाथ होने की सजा

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उत्तर प्रदेश में कानपुर के बिधनू थाना क्षेत्र में रहने वाले युवक की कोरोना के चलते लॉकडाउन में नौकरी छूट गई। भूखे रहने की नौबत आ गई। आर्थिक तंगी की वजह घरेलू कलह इस कदर बढ़ी कि युवक ने शनिवार को कमरे में फांसी लगा ली। कुछ देर बाद दुधमुंहे को कमरे में अकेला छोड़कर उसकी पत्नी भी फंदे से झूल गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
न्यू आजाद नगर में किराये के मकान में रहने वाले सिक्योरिटी गार्ड राजेंद्र वर्मा ने पुलिस को बताया कि बेटा प्रिंस (35) लखनऊ की एक दवा कंपनी में काम करता था। फेसबुक के जरिये बेटे की देवरिया निवासी चंद्रिका (30) से जान पहचान हुई थी। दो साल पहले दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली। इसके बाद चंद्रिका के परिजनों ने उससे संबंध खत्म कर लिए थे।बेटे की खुशी के लिए 25 जुलाई 2018 को धूमधाम से दोनों का विवाह कराया। जून 2019 में दोनों का बेटा हुआ।
सब कुछ ठीक चल रहा था। लॉकडाउन के दौरान बेटे की नौकरी छूट गई। आर्थिक तंगी के चलते दोनों के बीच आए दिन झगड़ा होने लगा। पिता के अनुसार शुक्रवार रात भी दोनों के बीच जमकर झगड़ा हुआ। शनिवार सुबह वह ड्यूटी पर चले गए।पत्नी राजेश्वरी बेटी शालू के साथ देवकी नगर अपनी बहन कमला के घर गई थीं। मकान मालिक भी परिवार समेत रिश्तेदारी में गए थे। दोपहर के वक्त दोनों के बीच फिर से झगड़ा हुआ। इसके बाद प्रिंस ने खुद को कमरे में बंद कर पंखे के कुंडे के सहारे साड़ी से फांसी लगा ली।
पति को फंदे से झूलता देखकर चंद्रिका ने मौसेरे भाई सत्येंद्र को फोन पर घटना की जानकारी दी।इसके बाद चंद्रिका ने अपने एक साल के बच्चे को दूसरे कमरे में छोड़ कर दुपट्टे से फांसी लगा ली। घर पहुंचने पर मासूम कमरे के बाहर रोते बिलखते मिला। थाना प्रभारी पुष्पराज सिंह ने बताया कि आर्थिक तंगी के चलते पारिवारिक कलह की बात सामने आई है। लड़की के परिजनों को सूचना देने के साथ ही दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

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