नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण के बीच अब कोर्ट के नोटिस और समन वॉट्सऐप, ई-मेल, फैक्स और इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप के जरिए भेजे जा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इसकी इजाजत दे दी है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हमारे ध्यान में लाया गया कि नोटिस, समन आदि के लिए पोस्ट ऑफिस जाना संभव नहीं है। इन्हें वॉट्सऐप, ई-मेल, फैक्स और इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप के जरिए भी भेजा जा सकता है।
जस्टिस एएस बोपन्ना और आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने कहा कि दो ब्लू टिक का मतलब ये मान लिया जाएगा कि रिसीवर ने नोटिस देख लिया है। ये आदेश कोविड-19 की वजह से हाईकोर्ट और ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका दायर करने की समय-सीमा बढ़ाए जाने के मामले की सुनवाई के दौरान आया।
चीफ जस्टिस ने नई तकनीकि की तरफदारी की थी
मई में सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को कोर्ट के समय के बाद भी ई-फाइलिंग की अनुमति दी थी। नई तकनीकि की जरूरत को बताते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने तब कहा था कि हमें वर्तमान स्थित को समझते हुए अपने मानसिकता को बदलना होगा। हमें नई और पुरानी व्यवस्थाओं में सामंजस्य बनाना होगा।
…तो अयोध्या मामले के फैसले में देरी नहीं होती
चीफ जस्टिस ने ये भी कहा था कि आने वाले समय में महत्वपूर्ण मामलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का रोल काफी अहम हो सकता है। अगर एआई का उपयोग किया जाता, तो अयोध्या मामले का फैसला बिना देरी के किया जा सकता था।