नि:शुल्क शिक्षा के नाम पर आश्रम में किया मासूम बच्चों का शोषण, ढोंगी गिरफ्तार

0
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में शुकतीर्थ के गोड़िया मठ का संचालक भक्ति भूषण गोविंद महाराज शिक्षा के लिए मठ में आए बच्चों के भविष्य से खेलता रहा। शिक्षा के नाम पर इन मासूम बच्चों को अश्लील वीडियो और शराब परोसी जाती रही। बच्चों के साथ भक्ति भूषण अनैतिक कृत्य करता रहा। मिजोरम, त्रिपुरा के दूर के बच्चे होने के कारण उनके उत्पीड़न की आवाज भी दबी रही।
शुकतीर्थ में भक्ति भूषण गोविंद महाराज ने 2009 में मठ बनाया था और 2019 में मठ में स्कूल खोला था। उसने मिजोरम और त्रिपुरा में कुछ लोगों से संपर्क किया, उनके माध्यम से यह कहकर बच्चों को बुलाया गया कि उन्हें नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी और भोजन आदि का खर्च भी आश्रम उठाएगा। गरीब परिवारों के मां-बाप ने यह सोचकर कि उनका बच्चा पढ़-लिखकर आ जाएगा और उसका भविष्य संवर जाएगा आश्रम में भेज दिया।
किसी को यह मालूम नहीं था कि जिस आश्रम में बच्चे जा रहे हैं वहां शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष कमलेश वर्मा और जिला बाल संरक्षण अधिकारी नीना त्यागी को बच्चों ने बताया कि आश्रम के सभी काम उनसे कराए जाते हैं। बच्चों का आरोप है कि महाराज रोज शाम को शराब पीते है और बच्चों को भी जबरन पीने के लिए कहते हैं। प्रतिदिन अलग-अलग बच्चे को कमरे में बुलाता है शराब पिलाने के बाद अश्लील वीडियो दिखाता है और फिर उनके साथ अनैतिक कार्य करता है।

Innocent children exploited in the ashram in the name of free education, impostor arrested

बच्चों से पैर दबवाता है, जिस बच्चे को पैर दबवाने के लिए बुलाता है उसी के साथ गलत काम करता है। जो बच्चा बात नहीं मानता उसे रोटी नहीं देता है और भूखा रखता है। उसकी बेरहमी से पिटाई भी करता है। गायों का गोबर उठाने, बर्तन साफ करने, भोजन बनाने से लेकर सभी काम उन्हीं से कराए जाते हैं।
कुरुक्षेत्र में हुई थी शादी
भक्ति भूषण महाराज बने मनोज गुप्ता की शादी कुरुक्षेत्र में हुई थी। दो साल पत्नी के साथ रहा और फिर पत्नी को छोड़ दिया। पत्नी और उनके परिजनों को इसने बताया कि वह सन्यास ले रहा है इसलिए घर का त्याग कर रहा है। 40 वर्षीय मनोज गुप्ता यह समझ गया था कि बड़े लोगों का उसके आश्रम में आना जाना है। इन लोगों की प्रशासन और पुलिस में बड़ी पहुंच है। वह यह समझता था कि बच्चों के साथ जो कुछ वह कर रहा है, इसमें उसका कुछ नहीं बिगडे़गा। कई बार वह भोपा थाने में मामला दबवा चुका था। अपराध में कार्रवाई नहीं होने से उसका हौसला लगातार बढ़ता गया।
सिसौली का मनोज है भक्ति भूषण महाराज
सिसौली के मनोज गुप्ता का गौड़ीय मठ से जुड़ने का सफर 15 साल का है। सिसौली में अपने पिता की दो दुकानें बेचकर यह गौड़ीय मठ में जाकर भक्ति भूषण गोविंद महाराज बन गया। इससे पहले इसने अपना नाम मुकुंद दास भी रखा। मनोज के पिता डॉ. राम किशन होली चौक पर दुकान करते हैं। अपने बेटे की इस करतूत से वह भी शर्मिंदा हैं।
उसने सिसौली में दस साल तक जनरल मर्चेंट की दुकान की है। 2004 से यह गौड़ीय मठ से जुड़ा। कुछ दिनों तक गौड़ीय मठ के सत्संग में जाता रहा। पांच साल तक वृंदावन और अन्य गौड़ीय मठों में आता जाता रहा और अपनी पहचान संस्था में बना ली। इसने पहचान के आधार पर ही शुकतीर्थ में गौड़ीय मठ की स्वीकृति संस्था से कराई। 2009 में यहां मठ की स्थापना कर उसका संचालक बन गया। जब यह गौड़ीय मठ से जुड़ा तो इसने अपना नाम मनोज गुप्ता से मुकुंद दास रख लिया और जब शुकतीर्थ में मठ बनकर तैयार हो गया तो इसने नाम भक्ति भूषण गोविंद महाराज रख लिया। 2009 में जब यह शुकतीर्थ आया तो इसने सिसौली में अपने पिता की दो पैतृक दुकानें बेच दीं।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में बाल यौन शोषण के आरोपी मठ संचालक भक्ति भूषण गोविंद महाराज और उनके शिष्य कृष्ण मोहन दास को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More