विकास दुबे के मुनीम जय बाजपेई की गाड़ी पर लगा था बीजेपी विधायक सत्यपाल सिंह राठौर के नाम का गाड़ी पास

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कानपुर का कुख्यात अपराधी विकास दुबे का साथी और मुनीम जय बाजपेई की तीन कारों पर अलीगंज विधायक सतपाल सिंह राठौर के नाम से जारी विधानसभा पास चस्पा मिले हैं इसको लेकर खलबली मची हुई है। विधायक ने फर्जी पास होना करार दिया है।
भाजपा के अलीगंज विधायक सतपाल सिंह राठौर। के नाम से  0828। विधानसभा पास जारी हुआ है इसी पास को लेकर जय बाजपेई अपने तीन कारणों से विधानसभा में कई बार आया और गया। यह मामला जांच एजेंसियों की पकड़ में आया तो? अलीगंज विधायक सहित। पार्टी में खलबली मची हुई है।
विधायक. सतपाल सिंह राठौर ने बताया है कि मेरे नाम से पास जारी जरूर हुआ था। लेकिन पास का कहीं ना कहीं दुरुपयोग मेरे पास आने से पहले ही हुआ है। उसकी रंगीन फोटो कॉपी निकाल कर उस पर दूसरी गाड़ी का नंबर डाला गया है।
मुझे जो पास जारी हुआ था, वह पास अभी भी मेरी गाड़ी पर लगा हुआ है जिसको मेरा पुत्र और पुत्रवधू प्रयोग करते हैं। विधायक ने कहा है कि अभी मैं लखनऊ में हूं। कल एक प्रेस रिलीज जारी कर इस मामले को निष्पक्ष जांच कराने की मांग करूंगा।

कितनी बार सचिवालय में घुसा, होगी जांच
अब इसकी भी जांच होगी कि इस पास के जरिए जय कितनी बार सचिवालय और विधानसभा गया था। इसका भी रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है। वह किन-किन लोगों से मिला यह भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। फर्जी पास सामने आने के बाद से भी जय के करीबी नेता और मंत्रियों की धड़कन बढ़ गई है।
गाड़ी मालिक भी बनेगा आरोपित

फॉर्च्यूनर सचेंडी निवासी राहुल सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है लेकिन उससे जय चलता था। जांच पूरी होने के बाद जय के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा लिखा गया तो गाड़ी मालिक भी जांच के दायरे में आएगा। क्योंकि उसके नाम से रजिस्टर्ड गाड़ी पर फर्जी विधानसभा का पास चस्पा था।

अलीगंज विधायक और विकास के साथी की गाड़ी का पास एक
विकास दुबे के फाइनेंसर जय वाजपेयी की गाड़ी पर लगा सचिवालय का पास अलीगंज, एटा के विधायक सत्यपाल सिंह राठौर के नाम से जारी किया गया है। विधायक और जय की गाड़ी पर लगे पास के नंबर एक ही है। जानकारी मिलते ही विधायक लखनऊ के लिए रवाना हो गए। बुधवार की दोपहर को विधायक को इसकी जानकारी मिली। इसके लिए सचिवालय से उनके पास फोन भी आया। विधायक को गाड़ी पर मिलने वाला पास सचिवालय से जारी होता है। विधायक सत्यपाल सिंह राठौर का कहना है कि ये पास सचिवालय से बनकर मिलता है। इस नंबर के पास के लिए फर्जीवाड़ा किया गया है।

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