गजब सरकार: लॉकडाउन में दारू को छोड़ बाकी सब बंद,व्यापारियों एवं आमजन में सरकार की नीति से आक्रोश

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हल्द्वानी (नैनीताल)। उत्तराखंड के 4 मैदानी जिलों में दो दिन शनिवार और रविवार को सम्पूर्ण लॉकडाउन जारी है। ऐसे में सभी लोगों को अपने-अपने घरों पर रहना है, ताकि वैश्विक महामारी कोरोना को मात दी जा सके। लेकिन यहां इस लॉकडाउन के दौरान दारू की दुकान खुली हुई हैं। जबकि अन्य सभी जरूरी वस्तुओं की दुकानें पूरी तरह से बंद हैं।
बताते चलें कि प्रदेश में तेजी से बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने प्रदेश के चार मैदानी जिलों में बीते और इस शनिवार और रविवार को सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाया हुआ है। इस लॉकडाउन से दारू के ठेकों को दारू बेचने की छूट दी गई है। जिसको लेकर व्यापारियों और आमजन आक्रोश में है। वहीं इसको लेकर बड़ा सवाल यह है कि जब सम्पूर्ण लॉकडाउन है तो फिर दारू के ठेकों को खोले जाने की इजाजत क्यों दी गई। क्या शराब के ठेके खुलने और उनमें लोगों की आवाजाही से कोरोना का संक्रमण नहीं फैलेगा। अगर ऐसा नहीं है तो फिर अन्य व्यापारियों को भी लॉकडाउन में दुकानें खोलने की इजाजत क्यों नहीं दी गई। इससे साफ है कि सरकारी खजाना भरने के लिए लोगों के जीवन ने खिलवाड़ किया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने शौकीनों को दारू पीने की इजाजत तो दे दी है, लेकिन इस दौरान अगर वह कोरोना की चपेट में आ गए तो उसके लिए आखिर जिम्मेदार कौन ठहराया जायेगा।
वहीं लोगों का कहना है कि यह आखिर कैसा लॉकडाउन है। उत्तराखंड सरकार द्वारा उत्तराखंड के चार जिलों में रविवार और शनिवार को पूर्ण रूप से लॉकडाउन के आदेश सरकार द्वारा किये जाने के बाद लॉकडाउन लगा दिया गया है आपको बता दें कि राशन से लेकर कई और अन्य जरूरत की चीजों की दुकानें नहीं खुल रही हैं, तो वहीं दारू की दुकानें खोले जाने को लेकर व्यापारियों के साथ साथ आमजन में भी काफी
आक्रोश देखने को मिल रहा है। व्यापारियों और आमजन का कहना है कि आखिर यह कैसा लॉकडाउन है। जबकि लॉकडाउन का मतलब होता है पूर्ण रूप से बंदी, वहीं दारू की दुकानों पर लोगों की आवाजाही बरकरार है। लोग शराब के बहाने से घरों से निकलकर घूम रहे हैं। जिससे लॉकडाउन का मकसद ही फेल होता दिखाई दे रहा है। लोगों का कहना है कि ऐसे लॉकडाउन का क्या फायदा है। जिसमें आवश्यक सेवाएं बंद कर रखी हैं और केवल दारू की दुकान खोल दी गई हैं। इससे यह साफ होता है कि राजस्व को बढ़ाने के लिए ही सरकार ने ऐसा कदम उठाया है।
शहर की सभी सड़कें सूनी पड़ी हैं केवल दारू की दुकान पर ही भीड़ दिखाई दे रही है। स्थानीय व्यापारियों और आमजन का कहना है कि भाजपा सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए ऐसा कदम उठा रही है शायद सरकार को लोगों की जान की परवाह नहीं है। क्योंकि लोग दारू लेने के लिए दुकानों पर खड़े हैं जहां पर सोशल सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं होता दिखाई दे रहा है। आवश्यक सेवाओं को बंद करके सरकार का दारू की दुकान खोल देना गैर जिम्मेदाराना सा लगता है।
ऐजाज हुसैन ब्यूरो उत्तराखंड

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