कोविड-19 के कारण बकरे की खरीदारी में नहीं दिखी रौनक, विक्रेता औने पौने दामों पर ऑनलाइन डिलीवरी को मजबूर

0
हल्द्वानी (नैनीताल)। मुस्लिम समुदाय का पर्व ईद-उल-अजहा यानी बकरा ईद कल मनाई जायेगी।
कोरोना महामारी के बीच ईद-उल-अजहा पर बकरा खरीदने और बेचने के लिये लोग हल्द्वानी के मुस्लिम बहुल क्षेत्र बनभूलपुरा में पहुंच रहे हैं। मगर हर साल त्योहार में तीस लाख के बकरों के कारोबार पर इस साल कोरोना की काली छाया साफ देखी जा सकती है। कोविड 19 के कारण देशव्यापी लाॅकडाउन से बकरा कारोबारियों को इस बार निराश होना पड़ रहा है।
हांलाकि कई बकरों की कीमत भी 30 से लेकर 50 हजार तक पहुंच गई है। बाहरी बकरा व्यापारियों के नहीं आने से लोगों को यहां मनमाफि‍क बकरे भी नहीं मिल रहे हैं और ना ही पर्याप्त संख्या में ऊंची कीमत पर बकरा खरीदार वाले आ रहे हैं। जिसके चलते बकरा कारोबारियों ने डिजिटल युग में ऑनलाइन के माध्यम से बकरा मंगाना और बेचने का सिलसिला शुरू कर दिया है। लेकिन बकरे का उचित दाम नहीं मिलने से मजबूरन उन्हें कम दामों पर अपने बकरे बेचना पड़ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हर साल बकरों से सजने वाले बनभूलपुरा बाजार में अब तक 40 फीसद भी कारोबार नहीं हुआ है। हल्‍द्वानी के इस बाजार में पहाड़ से काफी बकरों की आवक होती है। भीमताल, नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा आदि जगहों से काफी बकरे इस बाजार में बिकने के लिए आते हैं। कोविड 19 के कारण पर्याप्त संख्या में खरीदार हल्द्वानी नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में औने-पौने दाम में उन्हें बकरे बेचने पड़ रहे हैं। इसके अलावा यूपी के संभल, बरेली व बदायूं से भी हर साल बकरा कारोबारी व्यापार करने हल्द्वानी पहुंचते थे, जो इस बार यहां नहीं पहुंचे।
लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद होने से बिक्रेताओं से खरीददार व्हाट्सएप पर बकरे की फोटो मंगाकर बुक कर रहे हैं। जिसके बाद कारोबारी द्वारा बकरे की होम डिलवरी भी दी जा रही है।
वहीं पुलिस थाना वनभूलपुरा थानाध्यक्ष सुशील कुमार ने सभी क्षेत्रवासियों से सोशल डिस्टेंस व केंद्र और राज्य सरकार के ओदशों का पालन करते हुए अमन चैन के साथ ईद-उल-अजहा का पर्व मनाने की अपील की है।

 

ऐजाज हुसैन ब्यूरो उत्तराखंड

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More