बदायूं : सहसवान ब्लाक विकास कार्यों को लेकर अक्सर रहता है चर्चाओं में

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सहसवान क्षेत्र के ग्राम औरंगाबाद टप्पा जामिनी में पौधारोपण के लिए 930 पौधें शासन द्वारा लगाने के लिए प्रधान को दिए गए थे। गांव वालों का आरोप है कि वह पौधें प्रधान द्वारा लगाए नहीं गए और सुखा कर नदी में फेंक दिए गए और गांव में कुडा डालने के लिए कूड़ेदान भी दिए गए। उन कूड़ेदानों को गांव में जगह-जगह न रखकर प्रधान की भैसे उसमें चारा खाते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था।
‌ गांव का एक तालाब भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इसके अलावा एक खडंजे के निर्माण में पुरानी ईटें लगा दी गई है। यह पुरानी इटें साफ दिखाई दे रही है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि ग्रामीण ब्लॉक के अधिकारियों को लगातार अवगत कराते रहे हैं.
और ब्लॉक के अधिकारी लगातार अपने उच्च अधिकारियों को इस बारे में गुमराह करते रहे हैं। ग्राम वासियों का कहना है कि गांव में आज तक कोई अधिकारी जांच करने के लिए नहीं आया और ए॰डी॰ओ ने अपने कागजों में प्रधान द्वारा किए गए कार्य की खानापूरी कर अपनी रिपोर्ट प्रधान के पक्ष में वी॰डी॰ओ को सौंप दी और वी॰डी॰ओ ने भी अपनी उसी रिपोर्ट पर मोहर लगाकर अपने उच्च अधिकारी को भेज दी।
जब कि ग्रामीणों द्वारा बताया गया वी॰डी॰ओ एक भी बार गांव में जांच करने तक नहीं आए हैं। सहसवान ब्लॉक विकास कार्यों में धरातल पर कुछ और और कागजों में कुछ और कर रहा है। ग्रामीणों ने यहां तक आरोप लगाए कि उच्च अधिकारी अधीनस्थों को बचाते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते आ रहे हैं,जिससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त हैं।
इस बाबत ए॰डी॰ओ राजकुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि औरंगाबाद टप्पा जामिनी में पौधारोपण के लिए फिलहाल 930 पौधें दिए गए थे जिसमें से कुछ पौधें ही लगाए गए हैं और कूड़ेदान के बारे में उनका कहना था कि कूड़ेदान जगह जगह रख दिए गए हैं और तालाब में गंदगी पाई गई जिसे जल्द से जल्द साफ करा दिया जाएगा और रही बात खडंजे की जिसमें पुरानी ईटें लगाने का जिक्र किया गया है उसमें प्रधान ने पेमेंट नहीं निकाला है और ना ही भविष्य में पेमेंट निकालेंगे।
अभय महेश्वरी राष्ट्रीय जजमेंट संवाददाता बदायूं

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