पुलिस के लिए लाइन हाजिर होने का मतलब सजा या मजा
आगरा। कहने को तो पुलिस विभाग में लाइन हाजिर होने का मतलब होता है सजा । यानी जिस खाकीधारी को लाइन हाजिर होने का फरमान सुनाया गया है उसे किसी गलती के चलते सजा दी गयी है । लेकिन कुछ शातिर पुलिसकर्मी लाइन हाजिर होने की सजा को इस तरह से इस्तेमाल करते हैं कि न सिर्फ वे अपनी ड्यूटी बहाल करा लेते हैं बल्कि मलाइदार पोस्टिंग भी हासिल कर लेते हैं ।
असल में किसी भी वारदात या हंगामे के बाद जनता में पुलिस के प्रति आक्रोश होता है जिससे निपटने के लिए आला अफ्सर कुछ पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर देते हैं । जिसके चलते जनता समझती है कि घटना के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को सजा मिल गई लेकिन वास्तव में लाइन हाजिर होने वाले पुलिसकर्मी को सेहत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता है ।
लाइन हाजिर होते ही पुलिसकर्मी लाइन में आमद करा लेते हैं और लग जाते हैं जुगाड़बाजी में कि किस अफ्सर की शरण में जाकर पहले से भी अधिक कमाई वाली पोस्टिंग हासिल की जाए । यह बात हम हवा हवाई तौर पर नहीं बल्कि पूरी जिम्मेदारी से कह रहे हैं । जिसका आधार है पुलिस ऑफिस का रिकॉर्ड । जिसमें लगभग दर्जनों ऐसे सिपाही और दारोगा हैं जिन्होंने लाइन हाजिर होने के बाद जबरदस्त वापसी करते हुए पहले की अपेक्षा और अधिक मलाइदार पोस्टिंग हासिल करने में कामयाबी हासिल की है ।
कोई फर्क नहीं पड़ता लाइन हाजिर होने पर जिस प्रकार पुलिसकर्मी के लाइन हाजिर करने का पुलिस मैनुअल में कोई नियम नहीं है । ठीक इसी तरह लाइन हाजिर होने पर नई तैनाती में समय का कोई भी कोई नियम नहीं है । असल में लाइन हाजिर करना को सजा की श्रेणी में रखा ही नहीं जा सकता क्योंकि पुलिसकर्मी का किसी भी दृष्टिकोण से लाइन हाजिर होने पर कोई नुकसान नहीं होता है ।
खाकी धारियों ने लाइन हाजिर होने को सूरत में एक ऐसा नायाब तरीका खोज लिया है जिसके चलते न सिर्फ ड्यूटी पर बहाली हो जाती है बल्कि मनचाही पोस्टिंग भी मिल जाती है । लाइन हाजिर होने के बाद अधिकतर पुलिसकर्मी किसी न किसी आला अफसार के घर का रास्ता पकड़ लेते हैं और अपनी पोस्ट के मुताबिक साहब के घरेलू काम करने लगते हैं । कुछ समय में ही साहब को खुश करने के बाद अपना दुखड़ा साहब या मेम साहब के सामने बयान करते हैं ।
मिलती है पूरी सुविधाए करनी पड़ती है आधी इयूटी
लाइन हाजिर होने पर भी खाकीधारियों को कोई खास दिकत नहीं होती है क्योंकि थाने में तैनाती के दौरान जहां 12 से 16 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ती थी वहीं लाइन में मात्र कुछ घंटे की ड्यूटी करने के बाद ही आराम मिल जाता है । मजे की बात यह है कि लाइन हाजिर होने पर खाकीधारी के वेतन , भत्तों एवं सर्विस रिकॉर्ड पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है । आमतौर पर रिजर्व लाइन इंस्पेक्टर प्रति दिन सुबह इयूटी लगाता है । सभी पुलिस कर्मियों को शाम 8 बजे पुलिस लाइन में हाजिरी लगाना आवश्यक होता है ।
क्यों और कैसे होती है लाइन हाजिर की कार्रवाई
लाइन हाजिर की कार्रवाई का कोई एक्ट नहीं है । दरअसल किसी खाकीधारी के गलत आचरण या ड्यूटी में लापरवाही की शिकायत मिलने पर दो तरह से लाइन हाजिर किया जाता है । किसी पुलिसकर्मी की शिकायत सीधे पुलिस कप्तान तक पहुंच जाए या फिर थाना प्रभारी के पास । किसी खाकीधारी की शिकायत या लापरवाही मिलने पर क्षेत्राधिकारी को रिपोर्ट दे । जिस पर क्षेत्राधिकारी लाइन हाजिर की संस्तुति कर अपनी रिपोर्ट पुलिस कप्तान को प्रेषित कर दे । वैसे पुलिस मैनुअल में लाइन हाजिर करने का कोई प्रावधान नहीं है।