राहुल गांधी ने राजस्थान में चार राष्ट्रीय सचिवों को टिकट वितरण से हटाया

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जयपुर,। संभावित नामों के पैनल तैयार करने में लगे विभिन्न आरोपों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य के प्रभारी चारों राष्ट्रीय सचिवों विवेक बंसल, तरूण कुमार, देवेन्द्र यादव और काजी निजामुद्दीन को टिकट तय करने की प्रक्रिया से मुक्त कर दिया गया।

 

अब राज्य के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे, अशोक गहलोत, स्क्रीनिंग कमेटी की चेयरमैन कुमारी शैलजा और पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट सभी 200 सीटों पर सिंगल नाम का पैनल तैयार करेंगे और
यही पैनल कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। प्रत्याशी चयन की भूमिका से मुक्त किए गए सचिवों को एडजस्ट करने के लिए उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अब ये चारों प्रत्याशियों को भाषण देना सिखाएंगे। प्रभारी सचिव उम्मीदवारों के प्रशिक्षण ओरियंटेशन और विधानसभावार प्रचार-प्रसार का काम देखेंगे।
कांग्रेस में टिकट तय करने को लेकर चल रही कसरत के बीच राजस्थान के प्रभारी सचिवों के कामकाज से खफा होकर आलाकमान ने उनकी छुट्टी कर दी।
अब प्रत्याशी चयन में प्रभारी सचिवों से सलाह नहीं ली जाएगी। चारों सचिवों में सबसे अधिक आरोप विवेक बंसल और तरूण कुमार पर लगे। विवेक बंसल पर पैनल तैयार करने के नाम पर कांग्रेसियों से पैसे लेने के आरोप लगे।
बंसल के खिलाफ राज्य के कई नेताओं ने लिखित में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत अौर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से शिकायत की।
जयपुर के कांग्रेसियों ने बंसल के खिलाफ में लिखा कि उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श किए बिना ही आदर्श नगर सीट से रफीक टांक, मालवीय नगर सीट से आशा काला और
किशनपोल से अमीन कागजी का सिंगल नाम पैनल में भेज दिया। शिकायत करने वालों ने बंसल पर इन तीनों के साथ पैसे के लेनदेन का आरोप लगाया।
कभी स्व.राजीव गांधी के निकट रहे राज्य के पूर्व मंत्री स्व.नरेन्द्र सिंह भाटी का परिवार पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंच गया।
भाटी परिवार ने विवेक बंसल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि उनको लेकर गलत रिपोर्ट आलाकमान के समक्ष पेश की गई है। बंसल ने अपनी रिपोर्ट में भाटी परिवार का प्रभाव खत्म होने और परिवार में आपसी कलह की बात कही थी।
मृगेन्द्र सिंह भाटी इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते है । बंसल ने किसी अन्य का नाम इस सीट से भेजा है। तरूण कुमार के खिलाफ भी आधा दर्जन से अधिक लोग शिकायत दर्ज कराने व्यक्तिगत रूप से राहुल गांधी के कार्यालय में पहुंचे।
इसी तरह देवेन्द्र यादव पर अपने रिश्तेदार विधायक राजेन्द्र यादव के माध्यम से काम करने का आरोप लगाया गया।
चारों राष्ट्रीय सचिवों को टिकट तय करने की प्रक्रिया से दूर करने को लेकर प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय सचिव अविनाश पांडे ने कहा कि अब ये लोग प्रचार-प्रसार का काम देखेंगे।
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भाजपा के खिलाफ आक्रामक प्रचार अभियान चलाएंगे। इन पर लगे पैसों के लेन-देन के आरोपों के सवाल को पांडे टाल गए।  

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