दैनिक राशिफल के साथ आज का पंचांग 28 अगस्त 2020

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*********|| जय श्री राधे ||*********
?? *महर्षि पाराशर पंचांग* ??
??? *अथ पंचांगम्* ???
*********ll जय श्री राधे ll*********
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*दिनाँक -: 28/08/2020,शुक्रवार*
दशमी, शुक्ल पक्ष
भाद्रपद
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि ———-दशमी 08:37:41 तक
पक्ष —————————शुक्ल
नक्षत्र ————-मूल 12:36:14
योग ————–प्रीति 16:02:50
करण ————– गर 08:37:41
करण ———वणिज 20:24:08
वार ————————-शुक्रवार
माह ————————-भाद्रपद
चन्द्र राशि ———————-धनु
सूर्य राशि ——————— सिंह
रितु —————————–वर्षा
आयन ——————दक्षिणायण
संवत्सर ———————–शार्वरी
संवत्सर (उत्तर) ————-प्रमादी
विक्रम संवत ————— 2077
विक्रम संवत (कर्तक) —-2076
शाका संवत —————-1942
वृन्दावन
सूर्योदय —————-05:57:28
सूर्यास्त —————–18:42:43
दिन काल ————-12:45:15
रात्री काल ————-11:15:12
चंद्रोदय —————-15:24:45
चंद्रास्त —————–25:59:57
लग्न —- सिंह 11°2′ , 131°2′
सूर्य नक्षत्र ——————–मघा
चन्द्र नक्षत्र ———————-मूल
नक्षत्र पाया ———————ताम्र
*??? पद, चरण ???*
भा —-मूल 06:33:46
भी —-मूल 12:36:14
भू —-पूर्वाषाढा 18:40:16
धा —-पूर्वाषाढा 24:45:53
*??? ग्रह गोचर ???*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
========================
सूर्य=सिंह 11°22 ‘ मघा , 4 मे
चन्द्र = धनु 09°23 ‘ ज्येष्ठा’ 3 भा
बुध = सिंह 20°57 ‘ पू oफा o ‘ 3 टी
शुक्र= मिथुन 25°55, पुनर्वसु ‘ 2 को
मंगल=मेष 02°30’ अश्विनी ‘ 1 चु
गुरु=धनु 24°22 ‘ पू oषा o , 4 ढा
शनि=मकर 04°43’ उ oषा o ‘ 3 जा
राहू=मिथुन 01°20 ‘ मृगशिरा , 3 का
केतु=धनु 01 ° 20 ‘ मूल , 1 ये
*???शुभा$शुभ मुहूर्त???*
राहू काल 10:44 – 12:20 अशुभ
यम घंटा 15:31 – 17:07 अशुभ
गुली काल 07:33 – 09:09 अशुभ
अभिजित 11:55 -12:46 शुभ
दूर मुहूर्त 08:31 – 09:22 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:46 – 13:37 अशुभ
?गंड मूल 05:57 – 12:36 अशुभ
?चोघडिया, दिन
चर 05:57 – 07:33 शुभ
लाभ 07:33 – 09:09 शुभ
अमृत 09:09 – 10:44 शुभ
काल 10:44 – 12:20 अशुभ
शुभ 12:20 – 13:56 शुभ
रोग 13:56 – 15:31 अशुभ
उद्वेग 15:31 – 17:07 अशुभ
चर 17:07 – 18:43 शुभ
?चोघडिया, रात
रोग 18:43 – 20:07 अशुभ
काल 20:07 – 21:32 अशुभ
लाभ 21:32 – 22:56 शुभ
उद्वेग 22:56 – 24:20* अशुभ
शुभ 24:20* – 25:45* शुभ
अमृत 25:45* – 27:09* शुभ
चर 27:09* – 28:34* शुभ
रोग 28:34* – 29:58* अशुभ
?होरा, दिन
शुक्र 05:57 – 07:01
बुध 07:01 – 08:05
चन्द्र 08:05 – 09:09
शनि 09:09 – 10:13
बृहस्पति 10:13 – 11:16
मंगल 11:16 – 12:20
सूर्य 12:20 – 13:24
शुक्र 13:24 – 14:28
बुध 14:28 – 15:31
चन्द्र 15:31 – 16:35
शनि 16:35 – 17:39
बृहस्पति 17:39 – 18:43
?होरा, रात
मंगल 18:43 – 19:39
सूर्य 19:39 – 20:35
शुक्र 20:35 – 21:32
बुध 21:32 – 22:28
चन्द्र 22:28 – 23:24
शनि 23:24 – 24:20
बृहस्पति 24:20* – 25:17
मंगल 25:17* – 26:13
सूर्य 26:13* – 27:09
शुक्र 27:09* – 28:05
बुध 28:05* – 29:02
चन्द्र 29:02* – 29:58
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*?दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*? अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
10 + 6 + 1 = 17 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*? शिव वास एवं फल -:*
10 + 10 + 5 = 25 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = सन्ताप कारक
*?भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
रात्रि 20:29 से प्रारम्भ
पाताल लोक = धनलाभ कारक
*?? विशेष जानकारी ??*
* सुगन्ध दशमी
*रामदेव जयन्ती
*तेजा जी मेला
* दशावतार व्रत
*??? शुभ विचार ???*
उर्व्यां कोऽपि महीधरो लघुतरो दोर्भ्यां धृतो लीलया
तेन त्वांदिवि भूतले च ससतं गोवर्धनी गीयसे ।
त्वां त्रैलोक्यधरं वहामि कुचयोरग्रेण तद् गण्यते
किंवा केशव भाषणेन बहुनापुण्यैर्यशो लभ्यते ।।
।।चा o नी o।।
रुक्मिणी भगवान् से कहती हैं हे केशव! आपने एक छोटे से पहाड को दोनों हाथों से उठा लिया वह इसीलिये स्वर्ग और पृथ्वी दोनों लोकों में गोवर्धनधारी कहे जाने लगे। लेकिन तीनों लोकों को धारण करनेवाले आपको मैं अपने कुचों के अगले भाग से ही उठा लेती हूँ, फिर उसकी कोई गिनती ही नहीं होती। हे नाथ! बहुत कुछ कहने से कोई प्रयोजन नहीं, यही समझ लीजिए कि बडे पुण्य से यश प्राप्त होता है।
*??? सुभाषितानि ???*
गीता -: राजविद्याराजगुह्ययोग अo-09
यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत्‌ ।,
यत्तपस्यसि कौन्तेय तत्कुरुष्व मदर्पणम्‌ ॥,
हे अर्जुन! तू जो कर्म करता है, जो खाता है, जो हवन करता है, जो दान देता है और जो तप करता है, वह सब मेरे अर्पण कर॥,27॥,
*?? दैनिक राशिफल ??*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
?मेष
शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा। मेहनत का फल मिलेगा। कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता तथा उत्साह से काम कर पाएंगे। मित्रों तथा संबंधियों की सहायता करने से मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में सहयोगी सहायता करेंगे। व्यापार ठीक चलेगा।
?वृष
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। व्यय होगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। दुष्ट व्यक्तियों से सावधान रहें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। व्यस्तता रहेगी। थकान हो सकती है। व्यापार ठीक चलेगा।
?मिथुन
यात्रा लाभदायक रहेगी। भेंट उपहार की प्राप्ति हो सकती है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। समय की अनुकूलता का लाभ लें। प्रमाद न करें। निवेश शुभ फल देगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
?कर्क
दूर से बुरी सूचना प्राप्त हो सकती है। किसी व्यक्ति से विवाद संभव है। स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। भावनाओं को वश में रखें। मन की बात किसी को न बताएं। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।
?सिंह
नए संबंध बनाने से पहले विचार कर लें। अपरिचितों पर अधिक भरोसा ठीक नहीं। फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। आर्थिक तंगी रहेगी। नौकरी में अधिकारी की अपेक्षाएं बढ़ेंगी। मन में दुविधा रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। कारोबार अच्छा चलेगा।
?‍♀️कन्या
डूबी हुई रकम प्राप्ति होने के योग हैं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय बढ़ेगी। व्यापार- व्यवसाय से संतुष्टि रहेगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। किसी समस्या का अंत होगा। प्रसन्नता व उत्साह में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ रहेगा।
⚖️तुला
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। कोर्ट व कचहरी के कार्यों में गति आएगी। चिंता में कमी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा।
?वृश्चिक
कार्यकारी नए अनुबंध हो सकते हैं। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर सुधार या परिवर्तन हो सकता है। मित्रों तथा संबंधियों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। काम में मन लगेगा।
?धनु
चोट व दुर्घटना आदि से शारीरिक व आर्थिक हानि की आशंका है। लापरवाही न करें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। हताशा का अनुभव होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी। कारोबार ठीक चलेगा। नौकरी में जिम्मेदारी बढ़ सकती है।
?मकर
शैक्षणिक व शोध इत्यादि के कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। नौकरी में कोई नया काम कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। अधिकारी वर्ग प्रसन्न रहेगा। किसी लंबी यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। प्रसन्नता रहेगी।
?कुंभ
जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। घर में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। बाहरी वातावरण सुखद रहेगा। निवेश शुभ फल देगा। भाग्य का साथ रहेगा। सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
?मीन
भूमि व भवन संबंधी क्रय-विक्रय की योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। परीक्षा व प्रतियोगिता आदि में सफलता प्राप्त होगी। आय में वृद्धि होगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। शारीरिक कष्ट की आशंका प्रबल है।
?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

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