मार्च निकाल रहे कार्यकर्ताओं की इस दौरान पुलिसकर्मियों से झड़प भी हुई। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। हालांकि कार्यकर्ताओं ने भी जमकर पुलिस पर पथराव किया। जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। अब रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से इस मामले में दखल देने की मांग की है।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर खुद को नीच कहने का आरोप लगाया है। नीतीश कुमार के कथित बयान से भड़के उपेंद्र कुशवाहा के समर्थकों ने शनिवार (10 नवंबर) को पटना के गांधी मैदान से लेकर राजभवन तक मार्च निकाला।
दरअसल, रालोसपा के कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में पटना के गांधी मैदान से राजभवन की तरफ मार्च कर रहे थे। डाकबंगला चौराहे के पास कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ गए और जेपी गोलंबर की तरफ दौड़ लगा दी। पुलिस ने उन्हें जेपी गोलंबर के पास नियंत्रित करने और रोककर ज्ञापन लेने की कोशिश की।
लेकिन जैसे ही कार्यकर्ताओं ने बैरिकैड हटाने की कोशिश की। पुलिस ने लाठियां भांजना शुरू कर दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने भी जमकर पथराव किया। इस पथराव से कई पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए।
अपने कार्यकर्ताओं पर हुए इस बर्बर लाठीचार्ज से भड़के उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट करके नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा कि कुशवाहा समाज पर लाठी चलवाने के बजाय आप अपने बयान का अर्थ लोगों को सार्वजनिक रूप से समझा देते तो बड़ी कृपा होती। शायद लोगों का गुस्सा शांत हो जाता और आंदोलन की जरुरत नहीं पड़ती।
उन्होंने आगे कहा कि जब तक वह नीतीश कुमार के कहे गए शब्दों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो जाते हैं तब तक सीट साझेदारी का मामला आगे नहीं बढ़ेगा। उन्होंने कहा,” उन्होंने मुझे नीच कहा है। मैं बुरी तरह आहत हूं और निराश हूं। नीतीश कुमार जैसा इंसान, जो मुख्यमंत्री है और जिन्हें मैं अपना बड़ा भाई मानता हूं। ये बेहद बुरी बात है। उन्हें अपने शब्द वापस लेने चाहिए।”
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा,”भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को इसका संज्ञान लेना चाहिए और उन्हें उनसे (नीतीश कुमार से) इसका कारण पूछना चाहिए कि उन्होंने मुझे ऐसा क्यों कहा? मेरे और नीतीश कुमार के बीच एक मीटिंग रखवाई जानी चाहिए और
मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी,
कुशवाहा समाज पर लाठी चलवाने के बजाय आप अपने बयान का अर्थ लोगों को सार्वजनिक रूप समझा देते तो बड़ी कृपा होती। शायद लोगों का गुस्सा शांत हो जाता और आंदोलन की जरूरत नही पड़ती।#RLSPforJustice
— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) November 10, 2018