छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले नक्सली को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। गिरफ्तार आरोपी अजीत राय उर्फ अजीत रे (48) नक्सलियों (सीपीआई-माओवादी) को कारतूस सप्लाई करता था।
उसके कई टॉप नक्सली कमांडरों से संबंध थे। वह उड़ीसा व महाराष्ट्र में देश विरोधी गतिविधियों में शामिल था। वर्ष 1992 से कई नक्सली कमांडरों को कारतूस सप्लाई कर रहा था।
आरोपी के कब्जे से इंसास व एसएलआर जैसे हथियारों के 45 कारतूस बरामद किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने अजीत रे की गिरफ्तारी पर दो लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था। आरोपी पैसे के लिए नहीं, बल्कि नक्सलवाद को बढ़ावा देने के लिए कारतूस की सप्लाई करता था।
डीसीपी प्रमोद कुशवाह के अनुसार, स्पेशल सेल की टीम ने नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने वाले आरा, बिहार निवासी रामकृष्ण सिंह को 407 कारतूस के साथ 12 जुलाई को गिरफ्तार किया था। वह वर्ष 2015 से कारतूसों की सप्लाई कर रहा था।
वह गढ़चिरौली में अपने संबंधों के जरिए नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करता था। रामकृष्ण सिंह से पूछताछ के बाद आरा, बिहार निवासी संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया।
रामकृष्ण ने ये भी बताया था कि वह गांव गोविंदपुर, थाना मुलछेरा जिला गढ़चिरौली, महाराष्ट्र निवासी अजीत राय उर्फ अजीत रे को कारतूस की सप्लाई करता है।
वह टॉप नक्सली कमांडरों को कारतूस सप्लाई करता है और वर्ष 1990 में महराष्ट्र, उड़ीसा व छत्तीसगढ़ में विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है।
स्पेशल सेल को जांच में पता लगा कि अजीत राय 26 वर्ष से देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है। वह चार बार गिरफ्तार भी हो चुका है। कोर्ट ने उसके गैर जमानती वारंट जारी कर रखे थे।