राजनांदगांव से ही मुख्यमंत्री रमन सिंह चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सामने कांग्रेस पार्टी से करुणा शुक्ला हैं। यह सीट कई मामलों में रोमांचक होने जा रही है क्योंकि
मुख्यमंत्री रमन सिंह और करुणा शुक्ला दोनों ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर वोट मांग रहे हैं।
जिन 18 सीटों पर मतदान होना हैं उनमें से 12 सीट बस्तर क्षेत्र में और छह सीट राजनांदगांव जिले में है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए मतदान शुरू हो गया है। पहले चरण में बस्तर और राजनांदगांव की 18 सीटों पर मतदान होगा।
चुनाव आयोग ने बताया है कि 10 विधानसभाओं में सवेरे 7 बजे से दिन में 3 बजे तक मतदान होगा और राजनांदगांव की 5 व बस्तर के 3 विधानसभा क्षेत्रों में सवेरे 8 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग की जाएगी।
पहले चरण में 18 सीटों में से 12 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए तथा एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। राज्य के धुर नक्सल प्रभावित बस्तर और राजनांदगांव क्षेत्र के मतदाता मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत 190 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
राज्य में पहले चरण के मतदान के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं और मतदान दलों को रवाना भी कर दिया गया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 31,79,520 मतदाता मुख्यमंत्री रमन सिंह, उनके मंत्रिमंडल के 2 सदस्यों, भाजपा सांसद और
कांग्रेस के 2 वरिष्ठ नेताओं का फैसला करेंगे। इनमें से 16,21,839 पुरूष मतदाता और 15,57,592 महिला मतदाता हैं। वहीं 89 तृतीय लिंग के मतदाता हैं। चुनाव के लिए 4,336 मतदान केंद्र बनाये गये हैं।
महत्वपूर्ण सीटें जिनपर लगाया है भाजपा और कांग्रेस ने दांव
पहले चरण के चुनाव में भाजपा की ओर से विधायक संतोष बाफना और सरोजनी बंजारे, जगदलपुर और डोंगरगढ़ सीट से उम्मीदवार हैं। वहीं कांग्रेस के नौ विधायक भानुप्रतापपुर से मनोज सिंह मंडावी, कोंडागांव से
मोहन लाल मरकाम, बस्तर से लखेश्वर बघेल, चित्रकोट से दीपक कुमार बैज, दंतेवाड़ा से देवती कर्मा, कोंटा से कवासी लखमा, खैरागढ़ से गिरीवर जंघेल, केसकाल से संतराम नेताम और डोंगरगढ़ से दलेश्वर साहू पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है।
दंतेवाड़ा सीट से उम्मीदवार देवती कर्मा पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा की पत्नी हैं। महेंद्र कर्मा ने बस्तर क्षेत्र में सलवा जुडूम आंदोलन की शुरूवात की थी। 25 मई वर्ष 2013 को झीरम हमले में कर्मा की मृत्यु हुई थी।
देवती कर्मा के खिलाफ भीमा मंडावी चुनाव मैदान में है। वहीं कवासी लखमा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और कांग्रेस विधायक दल के उपनेता हैं। कोंटा कांग्रेस की परंपरागत सीट है। इस सीट से भाजपा के धनीराम बरसे लखमा के खिलाफ उम्मीदवार हैं।
16 हजार से ज्यादा जवान तैनात
चूंकि चुनाव नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में होने जा रहा है इसलिए आयोग ने चाक चौबंद व्यवस्था की है। बस्तर संभाग के चुनाव को लेकर आयोग ने विशेष तैयारी की है। कोंडागांव में 38 सुरक्षाबलों की टुकड़ियां पहुंच चुकी हैं।
इसके अलावा नारायणपुर में 60 टुकड़ियां तैनात करने की योजना है। चुनाव संपन्न कराने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स की 160 से ज्यादा कंपनियां यानि करीब 16 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए जा रहे हैं।
चुनावी जीत के लिए शाह और योगी ने झोंकी ताकत
प्रचार के आखिरी दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभा संबोधित की। वह लोरमी, मुंगेली, साजा और कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में आमसभा को संबोधित की।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो की भी चुनावी सभाएं कर हुंकार भरी। ये सभाएं डीएनके कालोनी नारायणपुर, रायपुर ग्रामीण के माना में हुईं।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गरियाबंद और राजिम में सभा और राजनांदगांव में रोड शो किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अहिवारा और रायपुर उत्तर में हॉल मीटिंग भिलाई में जनसभा को संबोधित कर एकबार फिर रमन सरकार बनाने की बात कही।
कांटे की है टक्कर
पहले चरण के मतदान के लिए जहां आयोग ने खास तैयारियां की है। यह चुनाव कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के लिए नाक का सवाल बना हुआ है। वोटकटवा की नीती पर भी यहां काम हो रहा है सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल कांग्रेस के अलावा बसपा,
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, सीपीआई, सीपीएम, छत्तीसगढ़ समाज पार्टी जैसे राजनीतिक दलों के उम्मीदवार मैदान में हैं ही साथ ही कई सीटों पर दोनों बड़े राजनीतिक दलों के नेता निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोक कर खड़े हैं।
राज्य भर से दोनों ही पार्टियों के दफ्तर में तोड़फोड़ और प्रदर्शन की कई घटनाएं सामने आईं। कहीं मान-मनौव्वल हुआ तो कहीं आंखें तरेरी गईं।
मां बेटे हैं आमने सामने
बस्तर में कांग्रेस की विधायक देवती कर्मा के खिलाफ उनके बेटे ही मैदान में उतरने पर आमादा हो गए थे। पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष भूपेश बघेल बड़ी मुश्किल से उन्हें समझा पाए।
इसी तरह वैशाली नगर में भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय के भाई राकेश पांडेय और भाभी चारुलता पांडेय ही भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ मैदान में उतर गए।
शांतिपूर्ण चुनाव बड़ी चुनौती
मतदान शुरू होने से महज कुछ समय पहले नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के कोयली बेडा में एक के बाद एक छह आईईडी धमाके हुए। जिसमें भारतीय सुरक्षाबल (बीएसएफ) का एक जवान शहीद हो गया है।
चुनाव आयोग के लिए सोमवार को होने वाला पहले चरण का मतदान इसलिए भी चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि यह नक्सल प्रभावित इलाकों में होंगे। जानकारी के अनुसार कोयली बेडा में नक्सलियों ने 6 आईईडी की सीरिज को प्लांट किया था। यह आईईडी गोम गांव से गट्टाकल के बीच लगाए गए थे।
राज्य में माओवादियों ने चुनाव का विरोध किया है और पिछले 15 दिनों में तीन बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर उन्होंने बताने की कोशिश की है कि क्षेत्र में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना मुश्किल है।
सुरक्षा बल को आईइडी से बचने के उपाय बताए गए
अवस्थी ने बताया कि सुरक्षा बल के जवानों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पूरी सतर्कता बतरने को कहा गया है। उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है। सुरक्षा बल से कहा गया है कि