अचानक कंपनी बंद हो जाने की स्तिथि में अब बैंक की मदद से मिलेगा आपको पीएफ का पैसा, जानिए कैसे

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कोई कंपनी यदि अचानक बंद हो जाए और उसके कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) खाते का पैसा फंस जाए तो उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। पीएफ खाते में फंसे पैसों को दिलाने में बैंक मदद करेगा।
पुरानी कंपनी बंद होने के बाद अगर पीएफ खाताधारक पैसा नई कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर नहीं कराया या इस खाते में तीन वर्ष तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ तो तीन साल बाद खाता खुद ही बंद हो जाएगा। इसके बाद ईपीएफओ के निष्क्रिय खातों से जुड़ जाएगा। यही नहीं खाताधारक को अपने खाते से पैसा निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
निष्क्रिय पीएफ खातों से संबंधित क्लेम को निपटाने के लिए जरूरी है कि उस क्लेम को कर्मचारी का नियोक्ता प्रमाणित करें, लेकिन जिन कर्मचारियों की कंपनी बंद हो चुकी है और क्लेम प्रमाणित करने के लिए कोई नहीं हो तो उनके सामने पीएफ के पैसों को निकाल पाना मुश्किल होता है। ऐसे क्लेम को बैंक केवाईसी दस्तावेज के आधार पर प्रमाणित करेंगे। बैंक से दस्तावेज प्रमाणित होने के बाद बंद हो चुकी कंपनी के कर्मचारी को पीएफ का पैसा मिल जाएगा।
इनकी मंजूरी से मिलेगा पैसा
बैंक से दस्तावेज प्रमाणित होने के बाद सहायक आयुक्त ईपीएफओ या दूसरे अधिकारी राशि के हिसाब से खातों से निकासी या खाता ट्रांसफर की मंजूरी देंगे। 50 हजार रुपये से ज्यादा राशि होने पर पैसा सहायक आयुक्त की मंजूरी के बाद निकलेगा या ट्रांसफर होगा। 25 हजार रुपये से ज्यादा और 50 हजार रुपये से कम राशि होने पर फंड ट्रांसफर या विड्रॉल की मंजूरी अकाउंट ऑफिसर दे सकेंगे। अगर राशि 25 हजार से कम है तो इस पर डीलिंग असिस्टेंट मंजूरी दे सकेंगे।

इनमें से कोई एक दस्तावेज जरूरी

आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, राशनकार्ड, पेनकार्ड
गोरखपुर क्षेत्र के भविष्य निधि संगठन के कर्मचारी आयुक्त मनीष मणि ने बताया कि कंपनी बंद होने के कारण खाताधारक को पीएफ के पैसों को निकालने में दिक्कत आती है। ऐसे में बैंक की मदद से खाताधारक अपने दस्तावेज की जांच कराकर निष्क्रिय खातों में फंसे पीएफ के पैसों को आसानी से निकाल सकते हैं।

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