सर्दियों मे बेहद खतरनाक हो जाता है ब्रेन स्ट्रोक, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

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ठंड की शुरुआत हो चुकी है और ऐसे मौसम में ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ने लगते हैं। समय से इलाज मिले तो मरीज की जान बचाने में मदद मिल सकती है और उसका असर भी कम हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक ब्रेन स्ट्रोक होने पर पहला घंटा ही गोल्डन पीरिएड माना जाता है। इसमें तापमान का सीधा असर शरीर की कार्यप्रणाली पर पड़ता है। जैसे-जैसे तापक्रम गिरता है, शरीर के अंगों की प्रक्रिया भी धीमी पड़ने लगती है। नसों में सिकुड़न हो जाती है और इसके कारण दिमाग में रक्तप्रवाह धीमा पड़ने लगता है। अगर कोई शख्स शरीर के अंग को टेढ़ा कर रहा है, उसके देखने, सुनने व समझने की क्षमता प्रभावित हो गई हो तो तत्काल उसे डॉक्टर के पास ले जाएं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान के मुताबिक देश में हर तीन मिनट में कोई न कोई व्यक्ति ब्रेन स्ट्रोक से दम तोड़ देता है।
दो प्रकार का होता है ब्रेन स्ट्रोक
ब्रेन स्ट्रोक दो प्रकार के होते हैं। पहला सिस्मिक स्ट्रोक होता है इसमें दिमाग की नसों में रक्तप्रवाह किसी अवरोध के कारण रुक जाता है। दिमाग की नली में खून का थक्का जम जाने से भी ब्रेन हेमरेज हो जाता है। जबकि दूसरा प्रकार हेमरेजिक स्ट्रोक होता है। इसमें दिमाग की नस से रक्तस्राव होने लगता है। इसमें मरीज को लकवा मार जाता है। कई दफे मरीज की मौत भी हो जाती है।
खतरा होने पर तुरंत ले मदद: न्यूरो सर्जन
गोरखपुर जिले के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पूर्व न्यूरो सर्जन डॉ. मुकेश शुक्ला ने कहा कि सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक व दिमाग की नस फटने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन समय पर चिकित्सकीय इलाज मिले तो जिंदगी बचाई जा सकती है। ब्रेन स्ट्रोक होने पर पहला एक घंटा ही सबसे महत्वपूर्ण होता है। हृदय रोग व कैंसर के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें ब्रेन हेमरेज से होती हैं। सामान्य तौर पर गर्मियों के मुकाबले ठंड में ब्रेन स्ट्रोक की मामले करीब दो गुना हो जाते हैं। ठंड में उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, मोटे लोगों और हृदय रोगी को ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ जाता है। अनियमित जीवनशैली इसका प्रमुख कारण है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
शरीर के एक हिस्से, चेहरे, हाथ, टांग में सुन्न होने का अनुभव
कमजोरी महसूस होना
भ्रम की स्थिति में होना
बोलने या समझने में मुश्किल, अस्पष्ट बोलना
एक या दोनों आंखों से साफ न दिखना
सिर में तेज दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना
स्ट्रोक से बचने के लिए यह करें
शराब, सिगरेट का सेवन न करें
तनाव से दूर रहें
नियमित व्यायाम व प्राणायाम करें
वजन नियंत्रित करें
सिरदर्द से पीड़ित मरीज सिटी स्कैन व एमआरआई जांच कराएं
इन्हें है ज्यादा बचाव की जरूरत
डॉयबिटीज के मरीज
55 साल से अधिक उम्र के लोग
गर्भनिरोधक या हार्मोंस की दवा लेने वाले
जन्मजात रक्तवाहिनी रोगी को
नियमित सिगरेट व शराब का सेवन करने वाले
एनिमिया या माइग्रेन के मरीज
उच्च रक्तचाप से पीड़ित मरीज
मोटे व सुस्त लोगों को

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