अब CBI के उप कानूनी सलाहकार पे फर्जीवाड़े में एफआईआर दर्ज

0
आरोप-प्रत्यारोप के कारण विवादों में फंसी सीबीआई की परेशानी बढ़ती जा रही है। सीबीआई ने मंगलवार को अपनी ही उप कानूनी सलाहकार (डीएलए) बीना रायजादा के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने की एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी।
रायजादा पर अपने से वरिष्ठ अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर अपनी झूठी वार्षिक परफॉर्मेंस एप्रजेल रिपोर्ट तैयार करते हुए प्रोन्नति पाने का आरोप है। सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा-4 में तैनात रायजादा इस समय व्यापम घोटाले जैसे अहम मामले की जांच से जुड़ी हुई हैं।
सीबीआई की तरफ से दर्ज एफआईआर के अनुसार, बीना रायजादा ने अभियोजन निदेशक (डीओपी) के कार्यालय में व्यक्तिगत तरीके से अपने 2014 से 2017 तक की तीन वार्षिक एप्रेजल रिपोर्ट जमा की थी,

जिनके साथ इन्हीं तीनों सालों के तीन मूल्यांकन पत्र भी लगाए गए थे। इन मूल्यांकन पत्रों पर डीआईजी/एचओबी, सीबीआई, एसीबी पटना वीके सिंह के हस्ताक्षर थे।

बता दें कि अभियोजन निदेशक एजेंसी का मुख्य विधि अधिकारी होता है। मई, 2014 में पटना में वरिष्ठ लोक अभियोजक के पद पर तैनात होने वाली रायजादा के काम को तीनों ही एप्रेजल रिपोर्ट में बेहद बेहतरीन बताया गया था।

इसी आधार पर वे 2015 में उप कानूनी सलाहकार पद पर प्रोन्नत हो गईं और इसके बाद जनवरी, 2017 में उन्हें दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।
एक शिकायत पर सीबीआई की तरफ से शुरू हुई प्रारंभिक जांच में वीके सिंह ने रायजादा की एप्रेजल रिपोर्ट पर अपने हस्ताक्षर होने से इनकार कर दिया।
उन्होंने रायजादा के 2014-15 के बीच 90 दिन के अवकाश पर रहने की बात बताते हुए कहा कि ऐसे में उनके पक्ष में बेहतरीन होने का मूल्यांकन देने का सवाल ही नहीं है।
वर्तमान में जयपुर में तैनात सिंह ने ये भी कहा कि वर्ष 2015 में ही वह अपने मूल राजस्थान कैडर में लौट गए थे, ऐसे में 2016 में वह मूल्यांकन रिपोर्ट दे ही नहीं सकते।
यह भी पढ़ें: GOOGLE ने Childrens Day पर बच्चों के लिए बनाया खास doodle
सीबीआई एफआईआर के अनुसार, डीएलए रैंक के अधिकारी की एप्रेजल रिपोर्ट पर डीआईजी नहीं बल्कि विशेष निदेशक स्तर के अधिकारी हस्ताक्षर करते हैं।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More