सचिन-गहलोत दोनों लड़ेंगे राजस्थान में चुनाव

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राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली सूची आने से पहले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि सचिन पायलट और वो खुद चुनाव लड़ेंगे। अशोक गहलोत ने कहा कि सभी बड़े नेता चुनाव लड़ेंगे, लेकिन वो कहां से लड़ेंगे इसकी कोई जानकारी नहीं दी।
गहलोत ने कहा राहुल गाँधी जैसा भी निर्णय लेंगे हम उसे मानने के लिए तैयार है, पार्टी आलाकमान ये निर्णय लेगा कि राजस्थान में कौन पार्टी को नेतृत्व देगा। साथ ही उन्होंने कहा कि, मैं कई बार बोल चुका हूँ कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुनाव लड़ने की परम्परा हमारे यहाँ राजस्थान में नहीं है।
राजस्थान में कांग्रेस मजबूती से प्रचार में जुटी हुई है। इस बीच बुधवार को पार्टी ने बीजेपी को उस वक्त एक और बड़ा झटका दे दिया जब सांसद हरीश मीणा कांग्रेस में शामिल हो गए। उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी की ओर से ये भी ऐलान कर दिया गया कि
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चेयरमैन सचिन पायलट, दोनों 7 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में लड़ेंगे। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो राजस्थान में राहुल गांधी किसे मुख्यमंत्री बनाएंगे?

कहा जा रहा है कि, पार्टी ने मध्यप्रदेश का फार्मूला राजस्थान में लागू नहीं करने का निर्णय पार्टी में एक तबके के दबाव के चलते लिया है। इससे पार्टी में एकजुटता बरकरार रहेगी। पायलट और गहलोत दोनों के चुनाव लड़ने के निर्णय से पार्टी ने दोनों तबकों को खुश करने काम किया है।
जाहिर है दोनों ही खुद को राज्य के मुख्यमंत्री पद की रेस में मानकर चुनाव में उतर रहे है। गौरतलब है कि राजस्थान में पार्टियों के बीच गुटबाजी की खबरें आम है। कांग्रेस पार्टी में भी गुटबाजी से इंकार नहीं किया जा सकता है। विपक्ष में कांग्रेस के नेता रामेश्वर डूडी ने भी कुछ सीटों पर पायलट की पसंद का विरोध करने की बात कह चुके है।
मौजूदा वक्त की बात करें तो दोनों नेता पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी हैं। अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने जहां गहलोत को दिल्ली बुलाकर महासचिव बुलाया था, वहीं सचिन पायलट पिछले कुछ वर्षों में पार्टी को फिर से खड़ा करने के काम में लगे रहे हैं। 
हरीश मीणा के बीजेपी छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के दौरान प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। इस प्रेस कांफ्रेंस में सचिन पायलट, अशोक गहलोत और अविनाश पांडेय ने हरीश मीणा के पार्टी में आने का स्वागत किया।

इसी दौरान सवाल जवाब में सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने कहा कि वे दोनों ही चुनावी मैदान में उतरने वाले है, लेकिन अभी सीट की घोषणा नहीं हुई है। जयपुर में एक नेता के पर्चा दाखिल करने के सवाल पर अशोक गहलोत ने जवाब दिया कि, कुछ लोग अच्छा मुहूर्त देखकर पर्चा दाखिल कर देते हैं।
जानकारी के मुताबिक, दोनों नेताओं के चुनाव को लेकर पार्टी में भी दो राय है। एक वर्ग का कहना है कि दोनों नेताओं को चुनाव से दूर रहना चाहिए और पूरे राज्य में प्रचार करना चाहिए, वहीं दूसरे वर्ग का कहना है कि दोनों नेताओं को चुनाव लड़ना चाहिए।
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राजनीतिक जानकारों की मानें तो अशोक गहलोत सरदारपुरा और सचिन पायलट अजमेर या दौसा से चुनाव लड़ सकते हैं। फिलहाल राज्य में 7 दिसंबर को मतदान है। 11 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी। राजस्थान के 33 जिलों में 200 विधानसभा सीटें आती है।

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