GSAT-29 सैटेलाइट का इसरो ने किया सफल लॉन्‍च

0
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में ये भारत की ऊंची छलांग है। इस उपग्रह के लांच का वीडियो समाचार एजेंसी एएनआई ने साझा किया है। हालांकि मौसम विभाग ने बुधवार (14 नवंबर) को बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान गाजा को देखते हुए तेज बारिश की चेतावनी भी जारी की थी।
ऐसे में माना जा रहा था कि उपग्रह का लांच टाला भी जा सकता है लेकिन मौसम साफ होने का संकेत मिलने पर वैज्ञानिकों ने इस उपग्रह को लांच करने का फैसला किया। बता दें कि उपग्रह GSAT- 29​ को जीएसएलवी-एमके-3 डी-2 रॉकेट से लांच किया गया है। इस रॉकेट की भारवहन क्षमता 4 टन है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 14 नवंबर को तमिलनाडु के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से संचार उपग्रह GSAT- 29 को लॉन्च कर दिया।

इसरो के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, लांच होने के महज 16 मिनट के भीतर ही जीएसएलवी-एमके 3 रॉकेट ने उपग्रह को पृथ्वी से लगभग 36 हजार किलोमीटर दूर स्थित कक्षा में स्थापित कर दिया।
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस उपग्रह के सफल प्रक्षेपण से दुनिया में भारत का दबदबा और बढ़ेगा। इसके अलावा भविष्य में भी अत्याधुनिक उपग्रह छोड़ने में मदद मिलेगी।
इसरो ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि उपग्रह में मौजूद प्रणोदन प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए इसे अंतिम भूस्थैतिक कक्षा (जीईओ) में पहुंचाया जाएगा, और
प्रक्षेपक से अलग होकर निर्धारित कक्षा में पहुंचने में कुछ दिनों का वक्त लग सकता है। इसरो के अनुसार, जीएसएलवी-एमके III रॉकेट की दूसरी उड़ान होगी, जो लॉन्च होने के बाद 10 साल तक काम करेगा। यह लॉन्च होने के बाद पृथ्वी से 36,000 किमी दूर जियो स्टेशनरी ऑर्बिट (जीएसओ) में स्थापित हो जाएगा।
यह भी पढ़ें: RLSP लीडर की हत्या, चौथे नेता की हत्या पर फूटा उपेंद्र कुशवाहा का गुस्सा
जिससे भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में हाई स्पीड डेटा को ट्रांसफर करने में मदद मिलेगी। ये इस साल इसरो का पांचवा रॉकेट लॉन्च है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More