आम आदमी की थाली से नदारद होती जा रही सब्जियां

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सलेमपुर देवरिया:- जहां एक तरफ़ लंबे समय से चल रहे कोरोना काल में अधिकांश लोगों के रोजगार पर संकट के बादल छाए हुए है। वहीं दूसरी तरफ आम आदमी के सामने महंगाई के चलते थालियों से सब्जी नदारद होती दिख रही है। आज बाजारों में सब्जी के भाव जानकर आम जन की रसोई का जायका ही बिगड़ रहा है।
आजकल सब्जियों के भाव लगातार आसमान छूते जा रहे हैं।आलू अगर 40 रुपये किलो मिल रहा है तो टमाटर व प्याज आधा सैकड़ा पार कर चुका है। देखते ही देखते आम आदमी की थाली से सलाद ही नही अब सब्जियां भी महंगाई के चलते गायब होती जा रही है। हरी मिर्च ,टमाटर व हरे धनिये की चटनी का स्वाद भी आमजन के लिए बहुत ही तीखा साबित हो रहा है। मार्च से पहले लॉकडाउन, अनलाॅक फिर बरसात के मौसम में बेरोजगारी को लेकर घर-घर के लोग परेशान हैं।
जिनके सामने अभी भी बेरोजगारी की समस्या बनी हुई है।ऊपर से हरी सब्जियों के दाम आसमान छूने से मध्यमवर्ग की परेशानियाँ और बढ़ गयी है। जुलाई और अगस्त में आलू 30 से 35 रुपए किलो मिल रहा था।लेकिन अब यह आलू 40 रुपए,तथा प्याज की कीमत 70 रुपए किलो हो गयी है। सब्जी कारोबारियों के मुताबिक बारिश में सब्जी की खेती खराब होने से थोक और फुटकर बाजार में सब्जी के दामों में 35 से 40 प्रतिशत का अंतर आ गया है। यह अंतर आवक की कमी और मांग बढ़ने से हुई है। सब्जी का स्वाद बढ़ाने में उपयोग आने वाली हरी व धनियां,टमाटर भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई। बाजार में सब्जी के भाव पर अगर एक नजर डाली जाए तो टमाटर 60 रुपए प्रति किग्रा,आदी हरी मिर्ची 70, ,पत्ता गोभी 50,फूल गोभी 60 रुपए किलो,अदरक लौकी , आदि सब्जियों का दाम 40 से 50 रुपए किलो के भाव से बिक रहा हैं।साग सब्जियों का दाम आसमान छूने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
REPORT-मुकतेशवर दूबे,देवरिया

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