अर्नब गिरफ्तारी मामला : किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत आजादी पर बंदिश लगाया जाना न्याय का मखौल होगा- सुप्रीम कोर्ट

0
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को पत्रकार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के 2018 के मामले में महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि इस तरह से किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत आजादी पर बंदिश लगाया जाना न्याय का मखौल होगा।
न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि क्या गोस्वामी को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की कोई जरूरत थी क्योंकि यह व्यक्तिगत आजादी से संबंधित मामला है। पीठ ने टिप्पणी की कि भारतीय लोकतंत्र में असाधारण सहनशक्ति है और महाराष्ट्र सरकार को इन सबको (टीवी पर अर्नब के ताने) नजरअंदाज करना चाहिए।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘उनकी जो भी विचारधारा हो, कम से कम मैं तो उनका चैनल नहीं देखता लेकिन अगर संवैधानिक न्यायालय आज इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा तो हम निर्विवाद रूप से बर्बादी की ओर बढ़ रहे होंगे।’ पीठ ने कहा कि सवाल यह है कि क्या आप इन आरोपों के कारण व्यक्ति को उसकी व्यक्तिगत आजादी से वंचित कर देंगे।
शीर्ष अदालत 2018 के एक इंटीरियर डिजायनर और उनकी मां को आत्महत्या के लिए कथित रूप से उकसाने के मामले में अंतरिम जमानत के लिए गोस्वामी की अपील पर सुनवाई कर रही है। गोस्वामी ने बंबई उच्च न्यायालय के नौ नवंबर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें और दो अन्य को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया था और उन्हें राहत के लिये निचली अदालत जाने का निर्देश दिया गया था।
इसपर हरीश साल्वे ने तर्क देते हुए कहा कि द्वेष और तथ्य की अति, राज्य शक्ति का दुरुपयोग और आचरण कुछ ऐसा नहीं है जो दैनिक आधार पर होता है। हम पिछली एफआईआर के चरण में हैं। मई 2018 में एफआईआर दर्ज की गई और इस मामले की जांच की गई। दोबारा जांच करने की शक्ति का गलत तरीके से उपयोग किया गया। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘यदि हम एक संवैधानिक अदालत के रूप में कानून का पालन और स्वतंत्रता की रक्षा नहीं करते हैं, तो कौन करेगा? यदि कोई राज्य किसी व्यक्ति को लक्षित करता है, तो एक मजबूत संदेश दिए जाने की आवश्यकता है। अगर किसी की निजी स्वतंत्रता का हनन हुआ तो वह न्याय पर आघात होगा।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More