ABVP ने अंकिव बसोया को निकाला, डूसू अध्यक्ष पद छोड़ने को भी कहा

0
एबीवीपी के चुनाव जीतने के बाद एनएसयूआई और अन्य छात्र संगठनों ने अंकिव बसोया की डिग्री और एडमिशन पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। एनएसयूआई ने अंकिव बसोया पर आरोप लगाया था कि
यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया है, तो एबीवीपी ने कहा था कि बसोया की ओर से जमा किए गए दस्तावेजों की उचित जांच-पड़ताल के बाद ही यूनिवर्सिटी ने उन्हें दाखिला दिया था।
दिल्ली DUSU अध्यक्ष अंकिव बैसोया की कुर्सी चली गई है। अंकिव बसोया को एबीवीपी ने संगठन से बाहर कर दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने DUSU के प्रेसिडेंट अंकिव बसोया से अपनी पोस्ट से रिजाइन करने के लिए कहा है।
इसके अलावा इंक्वायरी खत्म होने तक संगठन की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है। अंकिव बसोया पर फर्जी डिग्री का आरोप है। अंकिव ने इसी साल सितंबर में दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ का चुनाव जीता था।
एनएसयूआई का आरोप था कि अंकिव ने एमए (बौद्ध अध्ययन) में दाखिले के लिए तमिलनाडु स्थित तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय के फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया। एनएसयूआई ने सूचना के अधिकार के तहत तमिलनाडु स्थित तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी से इस मामले में जानकारी भी मांगी थी।
तब तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी की तरफ से लिखित में बताया गया था कि अंकिव बसोया कभी संस्थान के छात्र नहीं रहे। अंकिव बसोया ने हाल ही में हुए दिल्ली विश्विविद्यालय छात्रसंघ चुनावों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बैनर तले अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था। एबीवीपी ने डूसू चुनाव में चार में से तीन पदों पर जीत हासिल की जबकि एनएसयूआई के खाते में एक सीट (सचिव ) गई थी।
लिंग्दोह कमिटी की सिफारिशों के मुताबिक दो महीने सीट खाली रहने के बाद फिर से चुनाव नहीं हो सकते। वहीं, एनएसयूआई से प्रेजिडेंट उम्मीदवार सनी छिल्लर ने डीयू का विरोध किया।
एनएसयूआई का कहना है कि डीयू अब तक इस मामूली से फ्रॉड की जांच नहीं कर पाई है। इसके साथ साथ दो महीने पूरे हो चुके हैं और
यह भी पढ़ें: चलती कार में नर्स से रेप फिर बाहर फेंका, मौत
लिंग्दोह कमिटी की सिफारिश के मुताबिक अब दोबारा चुनाव नहीं हो सकते, बल्कि वाइस प्रेजिडेंट को प्रेजिडेंट पोस्ट पर प्रमोट किया जा सकता है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More