आज दौड़ेगी देश की पहली बिना इंजन की ट्रेन,रफ्तार 160 किलोमीटर प्रतिघंटा

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मुरादाबाद में हो रहे ट्रायल के बाद इस ट्रेन का फुल स्पीड ट्रायल राजस्थान के कोटा और सवाई माधोपुर के बीच किया जाएगा। इस ट्रायल रन को अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (RDSO) की टीम की देखरेख में किया जाएगा। एक टीम इस ट्रायल रन के लिए मुरादाबाद आई है।
देश की पहली बिना इंजन की ट्रेन ‘ट्रेन 18’ का पहला ट्रायल शनिवार (17 नवंबर, 2018) को शुरू हो गया। ये ट्रायल बरेली-मुरादाबाद रेलखंड पर सामान्य रेल ट्रैक पर किया जा रहा है। पूरी तरह से वातानुकूलित इस ट्रेन को 18 महीनों की मेहनत के बाद तैयार किया गया है।
इस ट्रेन को बनाने पर करीब 100 करोड़ रुपये का खर्च आया है। करीब एक अरब रुपये की लागत वाली इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रति घंटा तक होगी। ये ट्रेन प्लेटफॉर्म छोड़ने से पहले ही पूरी गति में आने की क्षमता रखती है। 16 कोच वाली इस आधुनिक ट्रेन को 30 साल पुरानी शताब्दी एक्सप्रेस की उत्तराधिकारी मानी जा रही है।
हालांकि, रेलवे के अधिकारियों ने ट्रेन के प्रदर्शन में खामियों के संबंध में सामने आ रही सभी खबरों को खारिज किया है। रेलवे अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि सामने आई खामियां बेहद मामूली हैं और ऐसे कमियां किसी भी ट्रेन के ट्रायल के दौरान सामने आती ही हैं। ये सामान्य प्रक्रिया है।
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर पीटीआई से कहा कि किसी भी ट्रेन के ट्रायल रन के दौरान ऐसी खामियों का सामने आना बेहद आम बात है। 100 करोड़ रुपये की लागत वाली इस ट्रेन को चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने विकसित किया है।
इसमें कोई भी बड़ी खामी अभी तक सामने नहीं आई है। अधिकारी ने कहा,”चेन्नई में धीमी गति से किए गए ट्रायल के दौरान कुछ फ्यूज उड़ गए थे। इन फ्यूज को तुरंत ही ठीक कर लिया गया था। इस बारे में किसी किस्म की चिंता की जरूरत नहीं है।”
चेन्नई में ट्रायल खत्म करने के बाद, 11 नवंबर को ट्रेन18 को दिल्ली भेज दिया गया था। दो दिन की यात्रा के बाद ये तेज रफ्तार दिल्ली पहुंच गई थी। अधिकारी के मुताबिक, टेस्ट रन के बाद, ट्रेन18 को एक रेलवे इंजन खींचकर दिल्ली लाया था क्योंकि
रेलवे सुरक्षा कमिशन के द्वारा प्रमाणित होने से पहले उसे खुद से नहीं चलाया जा सकता था। बता दें कि 29 अक्टूबर को, पूरी तरह से स्वदेश में विकसित, हाई-टेक,
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ऊर्जा में किफायती, खुद से चलने वाली बिना इंजन की ट्रेन18 को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने हरी झंडी दिखाई थी।

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