सरसों के तेल के नाम पर बाजारों में बिक रहा है अलग-अलग नामों से जहर

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भागलपुर (देवरिया) उत्तर प्रदेश सहित जनपद के लगभग सभी बाजारों में किराना की दुकानों पर एक बैल कोलू, दो बैल कोल्हू राहुल, कच्ची घानी सरसों का तेल आदि -आदि नामों से खाद्य सामग्री की दुकानों पर बेरोकटोक के धड़ल्ले से सरसों के तेल के नाम पर बिक रहा है, सरसों के तेल के नाम पर लोग जहर खाने को मजबूर खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा खाद्य सामग्रियों की सेम्पुलिंग के नाम पर महज खानापूर्ति l

ज्ञात हो कि जनपद के लगभग सभी चौराहा चट्टियों पर बड़े- बड़े बाजारों में सरसो का तेल भिन्न-भिन्न नामों से ब्रांड बनाकर सरसों के तेल के नाम पर जहर बेचा जा रहा है उस जहर को खाने के लिए जानकारी के अभाव में जनता मजबूर है, जो आए दिन पेट से संबंधित लगभग बीमारियों को दावत देने के लिए सरसों का तेल लोगों के मौत का पैगाम दे रहा है,माना जाता है कि पेट से संबंधित बीमारी ही बीमारियों को जन्म देती है इसके के बावजूद भी स्वच्छ और स्वस्थ भारत की कामना करने वाले अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की खुलने का इंतजार कर रही है जनता, प्रश्नगत विषय यह है कि सरसों की पैदावार इतनी कम होने के बावजूद भी मार्केट में सरसों के तेल की कमी नहीं महसूस हो रही है,

जिससे यह स्पष्ट होता है कि गुणवत्ता युक्त सरसों का तेल मार्केट से गायब है दो नंबर का जहर रूपी सरसों का तेल मार्केट में बिक रहा है l संदर्भ में जनपद के जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यालय के सक्षम अधिकारी रमेश चंद्र पांडे से फोन द्वारा पूछने जाने पर बताया कि जनपद की देवरिया के बाजारों में चहक, बाबूजी, बैल कोल्हू, रेलगाड़ी,जय श्री, शक्ति, गोल्ड, तरंगिणी, पतंजलि का सरसों तेल मार्केट में बिक रहा है जिसकी सेमपुलिंग हुई है केवल पतंजलि की रिपोर्ट अभी आई है जो सही है और खाने योग्य है l

शिवप्रताप कुशवाहा संवाददाता

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