??????????
*********|| जय श्री राधे ||*********
?? *महर्षि पाराशर पंचांग* ??
??? *अथ पंचांगम्* ???
*********ll जय श्री राधे ll*********
??????????
*दिनाँक -: 10/12/2020,गुरुवार*
दशमी, कृष्ण पक्ष
कार्तिक
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि ———-दशमी 12:50:48 तक
पक्ष —————————-कृष्ण
नक्षत्र ————हस्त 10:50:13
योग ———-सौभाग्य 19:23:47
करण —–विष्टि भद्र 12:50:48
करण ————-बव 23:29:26
वार ————————-गुरूवार
माह ———————– मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि ——कन्या 21:51:03
चन्द्र राशि ———————-तुला
सूर्य राशि ——————- वृश्चिक
रितु —————————–शरद
सायन ————————-हेमन्त
आयन ——————दक्षिणायण
संवत्सर ———————–शार्वरी
संवत्सर (उत्तर) ————-प्रमादी
विक्रम संवत —————-2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2077
शाका संवत —————-1942
वृन्दावन
सूर्योदय —————-07:00:21
सूर्यास्त —————–17:23:58
दिन काल ————–10:23:37
रात्री काल ————-13:37:02
चंद्रास्त —————-14:13:01
चंद्रोदय —————–27:00:06
लग्न —-वृश्चिक 24°18′ , 234°18′
सूर्य नक्षत्र ——————ज्येष्ठा
चन्द्र नक्षत्र ———————हस्त
नक्षत्र पाया ——————-रजत
*??? पद, चरण ???*
ठ —-हस्त 10:50:13
पे —-चित्रा 16:21:16
पो —-चित्रा 21:51:03
रा —-चित्रा 27:19:41
*??? ग्रह गोचर ???*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
========================
सूर्य=वृश्चिक 24°22 ‘ ज्येष्ठा , 3 यी
चन्द्र = कन्या 21°23’ हस्त ‘ 4 ठ
बुध = वृश्चिक 18°07 ‘ ज्येष्ठा’ 1 नो
शुक्र= तुला 28 °55, विशाखा ‘ 3 ते
मंगल=मीन 25°30’ रेवती ‘ 3 च
गुरु=धनु 02°22 ‘ उ oषा o , 2 भो
शनि=मकर 03°43’ उ oषा o ‘ 3 जा
राहू=(व)वृषभ 25°50 ‘मृगशिरा , 1 वे
केतु=(व)वृश्चिक 25°50 ज्येष्ठा , 3 यी
*???शुभा$शुभ मुहूर्त???*
राहू काल 13:30 – 14:48 अशुभ
यम घंटा 07:00 – 08:18 अशुभ
गुली काल 09:36 – 10:54 अशुभ
अभिजित 11:51 -12:33 शुभ
दूर मुहूर्त 10:28 – 11:10 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:38 – 15:19 अशुभ
?चोघडिया, दिन
शुभ 07:00 – 08:18 शुभ
रोग 08:18 – 09:36 अशुभ
उद्वेग 09:36 – 10:54 अशुभ
चर 10:54 – 12:12 शुभ
लाभ 12:12 – 13:30 शुभ
अमृत 13:30 – 14:48 शुभ
काल 14:48 – 16:06 अशुभ
शुभ 16:06 – 17:24 शुभ
?चोघडिया, रात
अमृत 17:24 – 19:06 शुभ
चर 19:06 – 20:48 शुभ
रोग 20:48 – 22:30 अशुभ
काल 22:30 – 24:13* अशुभ
लाभ 24:13* – 25:55* शुभ
उद्वेग 25:55* – 27:37* अशुभ
शुभ 27:37* – 29:19* शुभ
अमृत 29:19* – 31:01* शुभ
?होरा, दिन
बृहस्पति 07:00 – 07:52
मंगल 07:52 – 08:44
सूर्य 08:44 – 09:36
शुक्र 09:36 – 10:28
बुध 10:28 – 11:20
चन्द्र 11:20 – 12:12
शनि 12:12 – 13:04
बृहस्पति 13:04 – 13:56
मंगल 13:56 – 14:48
सूर्य 14:48 – 15:40
शुक्र 15:40 – 16:32
बुध 16:32 – 17:24
?होरा, रात
चन्द्र 17:24 – 18:32
शनि 18:32 – 19:40
बृहस्पति 19:40 – 20:48
मंगल 20:48 – 21:56
सूर्य 21:56 – 23:04
शुक्र 23:04 – 24:13
बुध 24:13* – 25:21
चन्द्र 25:21* – 26:29
शनि 26:29* – 27:37
बृहस्पति 27:37* – 28:45
मंगल 28:45* – 29:53
सूर्य 29:53* – 31:00
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*?दिशा शूल ज्ञान———————दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*? अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 10 + 5 + 1 = 31 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*? शिव वास एवं फल -:*
25 + 25 + 5 = 55 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक ,दुःख कारक
*?भद्रा वास एवं फल –:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
दोपहर 12:51 तक समाप्त
पाताल लोक = धनलाभ कारक
*?? विशेष जानकारी ??*
* उत्पन्ना एकादशी व्रत (स्मार्त)
* मानवाधिकार दिवस
* हरिवंश देवाचार्य पाटोत्सव
*??? शुभ विचार ???*
गुरुरग्निर्द्वि जातीनां वर्णानां ब्राह्मणो गुरुः ।
पतिरेव गुरुः स्त्रीणां सर्वस्याभ्यागतो गुरुः ।।
।।चा o नी o।।
ब्राह्मणों को अग्नि की पूजा करनी चाहिए . दुसरे लोगों को ब्राह्मण की पूजा करनी चाहिए . पत्नी को पति की पूजा करनी चाहिए तथा दोपहर के भोजन के लिए जो अतिथि आये उसकी सभी को पूजा करनी चाहिए .
*??? सुभाषितानि ???*
गीता -: आत्मसंयमयोग अo-06
असंयतात्मना योगो दुष्प्राप इति मे मतिः ।,
वश्यात्मना तु यतता शक्योऽवाप्तुमुपायतः ॥,
जिसका मन वश में किया हुआ नहीं है, ऐसे पुरुष द्वारा योग दुष्प्राप्य है और वश में किए हुए मन वाले प्रयत्नशील पुरुष द्वारा साधन से उसका प्राप्त होना सहज है- यह मेरा मत है॥,36॥,
*?? दैनिक राशिफल ??*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
?मेष
डूबी हुई रकम प्राप्ति की संभावना बनती है। यात्रा लाभदायक रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। कारोबार में वृद्धि संभव है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। बुद्धि के कार्य करें। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। रुके काम पूरे होंगे। प्रमाद न करें।
?वृष
काम पर पूरा ध्यान दे पाएंगे। थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। सामाजिक मान-सम्मान प्राप्त होगा। कारोबार में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। लंबी व्यावसायिक यात्रा की योजना बन सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
?मिथुन
योजना फलीभूत होगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। उत्साह व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। नौकरी में अमन-चैन रहेगा। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। नए व्यापारिक अनुबंध होंगे। निवेश शुभ रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। परिवार में खुशी का वातावरण रहेगा।
?कर्क
कुसंगति से हानि होगी। व्ययवृद्धि होगी। आर्थिक परेशानी रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। लापरवाही न करें। किसी व्यक्ति के व्यवहार से आत्मसम्मान कम हो सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। धनहानि के योग हैं। जोखिम न लें।
?सिंह
स्वास्थ्य पर खर्च होगा। लापरवाही न करें। कार्य करते समय चोट लग सकती है। गृहिणियां विशेष ध्यान रखें। जल्दबाजी से बचें। अकारण विवाद हो सकता है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। धनहानि की आशंका है। व्यापार व्यवसाय ठीक चलेगा।
?♀️कन्या
किसी प्रभावशाली व्यक्ति से संपर्क बनेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। किसी बड़ी समस्या से निजात मिल सकती है। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कारोबार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
⚖️तुला
दूर से अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। विवाद से बचें। क्रोध न करें। कोई बड़ा काम तथा लंबी यात्रा की योजना बनेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पुराने विवादों का समापन होगा। उत्साह व प्रसन्नता की वृद्धि होगी। व्यापार निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे।
?वृश्चिक
कानूनी अड़चन दूर होगी। जीवनसाथी के इच्छुक लोगों को जीवनसाथी मिलने के योग हैं। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेशादि सोच-समझकर करें। बाहर लंबी यात्रा की योजना बन सकती है। जीवन सुखमय गुजरेगा। उत्साह व प्रसन्नता रहेंगे। प्रमाद न करें।
?धनु
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा। प्रमाद से बचें।
?मकर
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। वाणी में हंसी-मजाक समय व स्थिति को देखकर करें। शोक समाचार प्राप्त हो सकता है। नकारात्मकता रहेगी। मेहनत अधिक होगी। लाभ में कमी रह सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। फालतू बातों पर ध्यान न दें। व्यापार ठीक चलेगा।
?कुंभ
नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। बेरोजगारी दूर होगी। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। व्यापार निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। लंबी यात्रा हो सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।
?मीन
शैक्षणिक व शोध इत्यादि रचनात्मक कार्य के परिणाम सुखद मिलेंगे। किसी मांगलिक व आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी।
?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599