आचार्यश्री जयंतसेनसूरीजी के गुणों का अंश हमारे जीवन में अवतरण हो : साध्वी अनेकांतलताश्रीजी
बेंगलुरु/जालोर। राजस्थान के जालोर जिले के जीवाणा कस्बे में श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर ट्रस्ट के तत्वावधान में आचार्य देव श्रीमदविजय जयंतसेनसूरीजी म.सा. का 85वाँ जन्म दिवस दीप रोशन कर मनाया गया। अभा. राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद की बेंगलूरु शाखा के अध्यक्ष डुंगरमल चोपड़ा ने बताया कि इस प्रसंग पर साध्वी अनेकांतलताश्रीजी म.सा. आदि ठाणा-9 की निश्रा में गुणानुवाद सभा कार्यक्रम हुआ। इस दौरान उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि आचार्यश्री की सरलता व सहनशीलता की साक्षात प्रतिकृति-आकृति अल्प समय में ही शासन प्रभावना ज़बरदस्त थी अर्थात जनमानस में प्रचलित हुआ कि अनेक जन्मों के कार्य उन्होंने एक ही जन्म में किये थे। साध्वीजी ने कहा कि आज दिवस विशेष पर वात्सल्यवारीधि गुरुदेवश्री के जन्मदिन पर उनसे यही आशीर्वाद की प्रार्थना है कि उनके गुणों का अंश हमारे जीवन में अवतरण हो। सभा में जीवाणा संघ के अध्यक्ष नेमीचंद गुलेच्छा, उपाध्यक्ष मदनलाल क्षत्रियवोहरा, सचिव शांतिलाल गुलेच्छा, कोषाध्यक्ष मोहनलाल क्षत्रियवोहरा, सहकोषाध्यक्ष अशोक कुमार कंकुचोपड़ा उपस्थित थे। इस गुणानुवाद सभा में डायालाल गुलेच्छा ने आचार्यश्री के जीवन पर प्रकाश डाला तथा साथ ही परिषद की विविध गतिविधियों की जानकारी दी। नवयुवक परिषद के बेंगलूरु शाखा के अध्यक्ष डुंगरमल चोपड़ा ने गुणानुवाद सभा में बताया कि परिषद का गठन आचार्यश्री यतिंद्रसुरीजी म.सा. ने संघ समाज एवं युवाओं के लिए बीजारोपण किया, जो आचार्यश्री जयंतसेनसूरीजी म.सा. के माध्यम से भारतभर में सैकड़ों शाखाओं के गठन से सुचारु रुप से गतिशील हुआ। उन्होंने कहा कि आचार्यश्री जयंतसेनसूरिजी ने अपने जीवन में गौशाला, हॉस्पिटल, विधालय का निर्माण कराया। चोपड़ा बोले, उनके द्वारा किए गए शासन प्रभावना के कार्य हमारे बीच सदा जीवंत रहेंगे। चोपड़ा ने बताया कि जीवाणा गांव में अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र महिला परिषद की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्रीमती प्रेमा बहन गांधीमुथा की अध्यक्षता में जीवाणा नगर में महिला परिषद इकाई का गठन भी किया गया। जिसमें कंचन चोपड़ा को अध्यक्ष एवं कंचन पारेख की सचिव पद पर नवनियुक्ति की गई। इस अवसर पर बेंगलूरु शाखा से अध्यक्ष डुंगरमल चोपड़ा, उपाध्यक्ष हेमराज जैन, सचिव नेमीचंद संघवी, प्रकाश बालर एवं बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे। आचार्यश्री के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में परिषद द्वारा सामूहिक सामायिक रखी गई, जिसमें कई श्राविकाओं ने भाग लिया। सभी का परिषद द्वारा बहुमान भी किया गया। भंवरलाल चोपड़ा ने बताया की कार्यक्रम के पश्चात साध्वीश्रीजी द्वारा श्रीमती खम्मादेवी घेवरचंदजी कंकुचोपड़ा को जीवरास सुनाया गया। सभी को प्रभावना वितरण के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।