फायर सेफ्टी रिन्युअल की नई व्यवस्था में हर छह महिने पर रिन्युअल सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य :मुख्यमंत्री

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अहमदाबाद गुजरात। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि फायर सेफ्टी के नये नियम के अनुसार ऊंची इमारतों, शैक्षणिक संस्थान,अस्पताल,और औद्योगिक इकाइयों को निजी फायर सेफ्टी अधिकारियों के पास से हर छह महिने पर रिन्युअल प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा। 26जनवरी से लागू नये पोर्टल पर निजी फायर अधिकारियों का जनरल, एडवान्स और विशेषज्ञ सहित तीन श्रेणियों में पंजीकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए उक्त जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था में विशेष रुप से 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले मकान, वाणिज्य भवन, विद्यालय, अस्पताल और औद्योगिक इकाइयों पर लागू होगी। बिल्डिंग डीजाइन, बीयू परमिशन तथा फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र लेने की प्रक्रिया जो अब तक क्षेत्रीय प्रशासन के पास था वह व्यवस्था पूर्ववत जारी रहेगी, उसमें किसी प्रकार का बदलाव नही किया गया है। परनु जो प्रमाण पत्र दिया गया है उसका नवीनीकरण के लिए नई व्यवस्था तैयार की गई है।

गुजरात फायर प्रिवेन्शन एण्ड लाइफ सेफ्टी मेजर एक्ट 2013 के तहत नई व्यवस्था 26 जनवरी से लागू की जा रही है। इस में निजी फायर सेफ्टी अधिकारियों को नियुक्त करने का प्राविधान है। यह अधिकारी फायर साधनों की जाँच कर प्रमाण पत्र देंगे। हर छह महिने पर जांच कर उसकी रिपोर्ट सबमिट करने की जानकारी भी इन्ही फायर सेफ्टी अधिकारियों की होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात इंस्टिट्यूट आफ डिजास्टर मैनेजमेंट को राज्य में फायर सेफ्टी विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। दिल्ली, गोवा, केरल सहित कई दूसरे देशों की फेयर सेफ्टी का अध्ययन करने के बाद, रिनियूअल, ट्रेन्ड ह्यूमन रिसोर्स और निराकरण को लेकर जो रिपोर्ट मिला है, उसे राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है। प्रशिक्षण देने के बाद फायर अधिकारियों का पंजीकरण होगा।

नई व्यवस्था में आग लगने से कोई दुर्घटना होती है उसकी पूरी जिम्मेदारी बिल्डिंग के मालिक, कब्जेदार तथा प्रमाण पत्र देने वाले सेफ्टी अघिकारी की होगी। राज्य में सेफ्टी अधिकारियों को तीन श्रेणी में विभाजित किया गया है। जनरल, एडवान्स और स्पेशलिस्ट। जनरल के लिए अनुभव की आवश्यकता नहीं है, एडवान्स के लिए पांच वर्ष का और स्पेशलिस्ट के लिए दस वर्ष का अनुभव अनिवार्य होगा। एक बार फायर सेफ्टी की ट्रेनिंग लेने के बाद पंजीकरण होने पर हर तीन वर्ष पर रिफ्रेशर प्रशिक्षण देना होगा।

उल्लेखनीय है सरकार के इतना एक्शन मूड का कारण गुजरात में होने वाली आगज़नी की घटनाएं है। अभी हाल में ही अहमदाबाद के मातगीं केमिकल की आग लगने की घटना और 20 बिस्फोट ने सबको दहला दिया धा। जहाँ केमिकल का संग्रह किया जाता वहाँ कम से कम एक चौकिदार रखा जाता, परन्तु पुलिस अब तक उसका बयान नहीं ले पाई है। आग की नजर से जिन तीन यूनिटों को नुकसान हुआ है उनमें से केवल एक के पास ही फायर विभाग की एनओसी है। ऐसी परिस्थिति में फेयर सेफ्टी का नया और प्रभावी कानून आवश्यक है।

ओमप्रकाश यादव।

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