अपराधी Google,Youtube पर वीडियो देखकर कर रहे वारदात

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पटना,। अपराधी घर बैठे इंटरनेट पर एटीएम काटने समेत कई तरह के अपराधों के तौर-तरीके सीख रहे हैं। ऐसी वारदातों में पुलिस भी चकमा खा जा रही है।अपराधियों ने गूगल को अपना ‘गुरु’ मान लिया है।
बताया जाता है कि बिहार में कोढ़ा (पूर्णिया), घोड़ासहन (मोतिहारी), कतरीसराय (नालंदा) और झारखंढ में रामगढ़ और जामताड़ा आदि जगहों को अपराधियों को परंपरागत तरीके से प्रशिक्षण दिए जाते रहे हैं।
लेकिन अब गूगल भी अपराध गुरु बनकर खड़ा हो गया है। केंद्र कहा जाता है। इसमें कहीं जाने का झंढट भी नहीं। घर बैठे इंटरनेट पर सर्च कर जरायम पेशा (अपराध) के तरीके सीखे जा रहे हैं। इसमें यू-ट्यूब खासा मददगार साबित हो रहा है।
पुलिस के अनुसार पिछले दिनों ऐसे गैंग पकड़े गए जिन्होंने डेबिट कार्ड क्लोनिंग और एटीएम काट कैश उड़ाने की तरकीब गूगल और यू-ट्यूब पर सीखी थी। गैंग का एक सदस्य तो आइटी इंजीनियर था।
दो महीने में पांच एटीएम काटने वाले गैंग के 12 बदमाशों को पुलिस ने बीते 17 अगस्त को गिरफ्तार किया था। गैंग ने पटना, नालंदा और आरा जिले में वारदातों को अंजाम दिया था। इसके पहले गैंग के सरगना मो. नेहाल और उसके चार साथी वाहन लूटते थे।
उन्‍होंने गूगल देख एटीएम से कैश बॉक्स चुराने की योजना बनाई। पुलिस के अनुसार यू-ट्यूब पर उन्‍होंने हाऊ टू ब्रेक एन एटीएम’ वीडियो देखा। फिर साथियों को दिखाया। इसके बाद उसने पांच एटीएम काटकर 50 लाख रुपये पार कर दिए।
पटना के फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र में नौ अक्टूबर की रात दो बदमाश एचडीएफसी बैंक की एटीएम काटने पहुंचे। वे गैस कटर से एटीएम काट रहे थे कि शटर से धुआं निकलते देख पुलिस पहुंच गई और दो बदमाशों सहरोज व इतिहान को गिरफ्तार कर लिया।
सहरोज मणिपाल यूनिवर्सिटी से बीएससी-आइटी, जबकि इतिहान पटना कॉलेज से बीए पास है। दोनों ने डेमो दिखाया कि कैसे एटीएम काट वे रुपये उड़ाते थे।
बीते सितंबर माह में गांधी मैदान थाने की पुलिस ने चार जालसाजों को मरांची और जमुई से गिरफ्तार किया। दो दर्जन एटीएम कार्ड बरामद हुए।
पकड़े गए आरोपित एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर निकासी करते थे। गिरफ्तार दीपक ने बताया कि उसने गूगल पर सर्च कर एटीएम डेबिट कार्ड की क्लोनिंग के बारे में पढ़ा था।
दीपके ने बताया कि उसने गूगल और यूट्यूब से जानकारी ली कि कई तरह की कार्ड में स्किमर डिवाइस होती हैं। कार्ड स्वाइप करने पर सारी जानकारी कम्प्यूटर में आ जाती है।
इसके बाद खाली कार्ड लिया जाता है। उन्नत प्रिंटर के जरिए क्लोन किए गए कार्ड की सारी जानकारी उसपर प्रिंट कर दी जाती है।
पटना के एसएसपी मनु महाराज स्‍वीकार करते हैं के ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें बदमाश यू-ट्यूब से सीखकर वारदात की बात स्वीकार कर चुके हैं।
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पटना में हाल में हुई एटीएम काटने की घटनाएं भी गूगल से सीखकर अंजाम दी गईं।

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