मेरे खिलाफ कार्रवाई करें मोदी, राजनाथ; दिग्‍व‍िजय सिंह ने दी चुनौती

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पत्र में दिग्विजय का फोन नबंर लिखा हुआ है। राज्यसभा सदस्य दिग्विजय ने कहा ‘‘जिस फोन नंबर का वे जिक्र कर रहे हैं वह तो राज्यसभा के पोर्टल पर सार्वजनिक है। हजारों लोगों को वह नंबर मालूम है, जिसका मैंने पिछले चार साल से उपयोग बंद कर दिया है।
उसके बारे में मैं पूर्व में भी कह चुका हूं। उन्होंने कहा, ‘‘यदि दिग्विजय सिंह किसी भी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त है तो मोदी जी, राजनाथ सिंह जी एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस जी मेरे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं।
कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को एल्गार परिषद मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी। उनका यह बयान पुणे पुलिस की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि एल्गार परिषद जांच मामले में एक पत्र बरामद हुआ है।
इस बीच संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) शिवाजी बोडाखे ने कहा, ‘‘फिलहाल पुणे पुलिस किसी राजनेता के खिलाफ किसी मामले की जांच नहीं कर रही है। अब पूरा ध्यान गिरफ्तार माओवादियों तथा प्रतिबंधित संगठन की गतिविधियों पर है।’’
एल्गार परिषद मामले के माओवादियों से कथित संबंध को लेकर गिरफ्तार किए गए 10 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ जो आरोपपत्र दाखिल किया गया है, उसमें संलग्न किए गए एक पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय ंिसह का फोन नंबर भी होने का पुलिस ने दावा किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पुणे पुलिस द्वारा इस मामले के सिलसिले में देश भर में मारे गए छापे के दौरान यह पत्र जब्त किया गया था। दिग्विजय ने संवाददाताओं को भोपाल में बताया, ‘‘जिस फोन नंबर का वे जिक्र कर रहे हैं वह तो
राज्यसभा के पोर्टल पर सार्वजनिक है…।’’ दिग्विजय ने कहा कि भाजपा एवं आरएसएस उनसे डरती है, और उनके खिलाफ माहौल बना रही है। उन्होंने कहा, ‘‘न तो मैं उनसे कभी डरा हूं और न ही कभी डरूंगा’’ दिग्विजय ने कहा, ‘‘पहले भी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुझे देशद्रोही कह चुके हैं।
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मैंने मध्य प्रदेश पुलिस के सामने आत्म समर्पण किया। मध्य प्रदेश पुलिस ने लिखकर दिया कि हमारे पास न तो कोई प्रमाण है और न ही कोई प्रकरण दर्ज है।’’ यह पत्र 25 सितंबर 2017 का है, जो कथिततौर पर एक नक्सली ने लिखा है।
इस पत्र के एक हिस्से में लिखा हुआ है, ‘‘हमें छात्रों का इस्तेमाल करते हुए अवश्य ही राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन तेज करना चाहिए। सरकारी बल छात्रों के खिलाफ उदार रहेंगे, जिससे सरकार हमारे खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान क्रमश: नुकसान उठाएगी। कांग्रेस नेतागण इस प्रक्रिया में सहायता करने के लिए बहुत इच्छुक हैं और आगे के आंदोलन को धन मुहैया करने के लिए भी राजी हुए हैं …इस सिलसिले में, आप हमारे मित्र से इस नंबर पर (पुलिस के मुताबिक दिग्विजय सिंह के फोन नंबर पर) संपर्क कर सकते हैं।’

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