अखिलेश यादव ने खुद खोला सपा-कांग्रेस गठबंधन का राज

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सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद इस बात से पर्दा उठाया है कि आखिर ये दोस्ती एक हार के बाद ही क्यों टूट गई। अखिलेश ने मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान घोषणा पत्र जारी करते हुए बड़ा बयान दिया और कहा कि
कांग्रेस सपा का साथ तो चाहती थी लेकिन बहुजन समाज पार्टी के साथ वो कोई समझौता करने को तैयार नहीं थी। इसीलिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का समझौता नहीं हो पाया।
उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने वाली समाजवादी पार्टी की साइकिल से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हाथ छोड़ दिए।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा के उपचुनावों में मायावती की बहुजन समाज पार्टी और अखिलेश यादव की सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि इसके बदले अखिलेश ने मायावती से राज्यसभा चुनाव में साथ देने का वादा किया था।
हालांकि बताया जा रहा है कि ऐन मौके पर राजा भैया के साथ छोड़ जाने से अखिलेश अपना वादा नहीं निभा सके। हाल ही में राजा भैया ने अपनी अलग पार्टी का ऐलान कर दिया है।
लेकिन बुआ-बबुआ की दोस्ती बरकरार है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में दशकों से परंपरागत विरोधी रही सपा से मायावती ने तमाम कड़वी यादों के बावजूद हाथ मिला लिया था।
अखिलेश ने कहा कि अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस, सपा, बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी मिलकर लड़ते तो 200 से ज्यादा सीटें जीत जाते। उल्लेखनीय है कि बसपा और कांग्रेस के बीच छत्तीसगढ़ में भी बात नहीं बन पाई।
वहां बसपा ने कांग्रेस से अलग हुए अजीत जोगी के साथ हाथ मिलाया है। मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी 50 विधानसभा सीटों पर लड़ रही है।
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अखिलेश ने अपने घोषणा पत्र में किसानों का पूरा कर्ज माफ करने, फार्मर्स फंड बनवाने, समाजवादी पेंशन योजना, मुफ्त सिंचाई व्यवस्था और किसानों को फ्री बिजली देने का वादा किया है।

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