ब्राह्मण विरोधी पोस्टर थामकर, विवादों में आए ट्विटर के CEO

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नई दिल्ली,। मंगलवार को ट्विटर ने इसके लिए माफी मांग ली। दरअसल, डॉर्सी पिछले हफ्ते भारत आए थे।
तब उन्होंने एक कार्यक्रम में यह पोस्टर थामा था। पोस्टर पर लिखा था- ब्राह्मणों के आधिपत्य का नाश हो।
पोस्टर थामे उनकी तस्वीर वायरल हो गई थी। ट्विटर की तरफ से कहा गया कि डॉर्सी ने कोई ब्राह्मण विरोधी बयान नहीं दिया है। यह विवादास्पद पोस्टर उन्हें दलित कार्यकर्ताओं ने दिया था।

ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी ब्राह्मणों के खिलाफ एक पोस्टर थामे नजर आने के बाद विवादों में आ गए हैं। मंगलवार को ट्विटर ने इसके लिए माफी मांग ली।

सीईओ जैक डॉर्सी पिछले हफ्ते भारत आए थे। एक पत्रकार ने इस कार्यक्रम का फोटो रविवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। यह फोटो वायरल हुआ और सोशल मीडिया पर डॉर्सी की आलोचना होने लगी।
सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के पूर्व वित्त प्रमुख टीवी मोहनदास पई ने ट्वीट किया, ‘‘अगर किसी कार्यक्रम में जैक डॉर्सी को
यहूदियों से संबंधित संदेश लिखा पोस्टर थमा दिया जाएगा तो उनकी टीम समर्थन करेगी? किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाना गलत है।’’

डॉर्सी के साथ भारत आईं कंपनी की लीगल, पॉलिसी और ट्रस्ट एंड सेफ्टी लीडर विजया गड्‌डे ने इस मुद्दे पर माफी मांगी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘इस घटना से काफी दुखी हूं।
ये हमारे विचार नहीं हैं। ट्विटर सभी के लिए निष्पक्ष प्लेटफॉर्म बनना चाहता है। यहां हम ऐसा करने में विफल रहे। भारतीय ग्राहकों के लिए हमें सुधार करना होगा।’’
जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान पूरी दुनिया में ट्विटर के 326 मिलियन यूजर्स आंके गए थे। कंपनी ने इनमें भारतीय यूजर्स की जानकारी नहीं दी थी।
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हालांकि, कंपनी के एग्जिक्यूटिव्स ने कहा था कि भारत उनके तेजी से उभरते देशों में से एक है।

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