मोरक्‍को ने बुलेट ट्रेन बनाकर चला भी दी लेकिन, भारत को अभी जमीन तक नहीं मिल पाई

0
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी के साथ किंग ने 2 बिलियन डॉलर की मोरक्को की हाई स्पीड ट्रेन परियोजना सितंबर 2011 में लॉन्च की थी। परियोजना के विकास के लिए फ्रांस ने 51 प्रतिशत पैसा दिया और मोरक्को ने 28 प्रतिशत पैसा दिया।
21 प्रतिशत का शेष धन कुवैत, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा प्रदान किया गया था। मैक्रॉन के कार्यालय के मुताबिक, मोरक्कन हाई-स्पीड रेलवे लाइन फ्रांसीसी निर्मित हाई-स्पीड ट्रेन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय शोकेस है।
मोरक्को ने फ्रांसीसी निर्माता अल्स्तॉम से 12 ऐसी ट्रेनें खरीदीं हैं। दिलचस्प बात यह है कि मोरक्कन किंग ने पहली रेल लाइन अल बोराक नामक एक पौराणिक पंख वाले प्राणी के नाम पर रखा है। मोरक्को के रेलवे कार्यालय ने संचालन के पहले तीन साल में लाइन पर 60 लाख यात्रियों की उम्मीद की है।
भारत अपनी पहली बुलेट ट्रेन का इंतजार कर रहा है, दिलचस्प बात यह है कि अफ्रीका के मोरक्को को पहले ही हाई स्पीड ट्रेन मिल चुकी है! हाई-स्पीड रेल लाइन, अफ्रीका में अपनी तरह की पहली लाइन है, हाल ही में मोरक्को के किंग मोहम्मद 6 ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रॉन के साथ इसका उद्घाटन किया गया था।
हाई स्पीड ट्रेन को एलजीवी के रूप में जाना जाएगा। यह टेंजीर और कैसाब्लांका के आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। 320 किमी प्रति घंटे (199 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से चलने पर हाई स्पीड ट्रेन इनके बीच की दूरी को 2 घंटे 10 मिनट में पूरा कर लेगी।
आम ट्रेनों से यह दूरी तय करने में 5 घंटे का समय लग जाता है। दूसरी तरफ, भारत को अपनी पहली बुलेट ट्रेन शुरू करने के लिए कम से कम 2022 तक इंतजार करना होगा।
मोदी सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन की महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधान मंत्री शिन्जो आबे के साथ पिछले साल सितंबर में नींव रखी थी। यह ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और 12 स्टेशनों पर रुकेगी।
यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट जज हुए नाराज कहा- तिहाड़ जेल में धन्नासेठ कैदियों को मिल रहीं सारी सुख सुविधाएं
वर्तमान में दोनों शहरों के बीच ट्रेन यात्रा पूरी करने में लगभग 7 घंटे लगते हैं, हालांकि, बुलेट ट्रेन के शुरू होने के साथ यात्रा पूरी करने में केवल 2 घंटे लगेंगे।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More