आरटीआई से खुलासा: रेलवे के पास नरेंद्र मोदी के चाय विक्रेता होने का कोई रिकॉर्ड नहीं
2014 में जब यह बात बहुत ज्यादा चर्चित हो गई थी, तब कांग्रेस समर्थक और सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने इस बारे में एक आरटीआई भी दायर की थी। इसके तहत रेलवे बोर्ड से यह जानकारी मांगी थी कि क्या ऐसा कोई रिकॉर्ड, रजिस्ट्रेशन नंबर या नरेंद्र मोदी को स्टेशन या ट्रेन में चाय बेचने के लिए निर्गत आधिकारिक पास उपलब्ध है?
2015 में आई खबरों के अनुसार, इस आरटीआई के जवाब में रेल मंत्रालय ने कहा, “रेलवे बोर्ड के पर्यटन और खानपान निदेशालय की टीजी III ब्रांच में ऐसी किसी तरह की जानकारी उपलब्ध नहीं है।”
नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 के लाेकसभा चुनाव के समय खुद को एक ‘चाय वाला’ बताया था। उन्होंने कहा था कि बचपन में वे स्टेशन पर और ट्रेनों में चाय बेचते थे। चुनाव के बाद भी वे अक्सर खुद को चाय वाले के रूप में दिखाते रहे।
अभी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान सहित पांच राज्यों में हो रहे चुनावों के दौरान भी यह बात उछली। हाल ही में पीएम मोदी ने एक ट्वीट किया था, “कांग्रेस को अभी भी हैरानी है कि एक चायवाला पीएम बन गया! और, कांग्रेस की पीड़ा का कारण यह भी है कि
कांग्रेस को अभी भी हैरानी है कि एक चायवाला पीएम बन गया!
और, कांग्रेस की पीड़ा का कारण यह भी है कि चार पीढ़ियों ने जो जमा किया था, वो पैसा अब कुछ परिवारों के लिए नहीं, बल्कि जनता के विकास के लिए खर्च हो रहा है। pic.twitter.com/hOuylOnwhG
— Narendra Modi (@narendramodi) November 16, 2018
चार पीढ़ियों ने जो जमा किया था, वो पैसा अब कुछ परिवारों के लिए नहीं, बल्कि जनता के विकास के लिए खर्च हो रहा है।”
बता दें कि कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन से जुड़ी बातों को लेकर एक फिल्म ‘चलो जीते हैं’ रिलीज हुई थी। इस फिल्म को राष्ट्रपति भवन से लेकर मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के सरकारी विद्यालयों में भी दिखाया गया।
32 मिनट की इस फिल्म में एक ‘नारू’ नाम के बच्चे का किरदार है, जो अपनी जिंदगी में काफी संघर्ष करता है। फिल्म देखने के बाद केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठोर ने कहा था, “यह पीएम मोदी के बचपन की घटनाओं से अद्भुत और प्रेरित करने वाला फिल्म है।”
Watched #ChaloJeeteHain. What an excellent movie inspired by the Life of @narendramodi Ji . His life journey from a Tea seller to Prime Minister is a true example of strong will & determination to work for the welfare of the society. Reveals the making of a true Pradhan Sevak.
— Sunil Deodhar (@Sunil_Deodhar) July 29, 2018