अयोध्या में कई घरों के दरवाजे पर लटका ताला, मुस्लिम मोहल्लों में पसरा सन्नाटा

0
अयोध्‍या, स्थानीय निवासी मो.जब्बार बोले, “हमने ऐसा 1992 जैसी परिस्थितियों से बचने के लिए किया। भीड़ तब अचानक हमलावर हो गई थी, लिहाजा इस बार सुरक्षा के लिहाज से महिलाओं-बच्चों को सुरक्षित जगहों पर भेजा है।” जिन मुसलमान घरों में सिर्फ पुरुष थे,
वहां लोगों ने अखबार को बताया, “हमें किसी पर शक तो नहीं है। पर यहां डर का माहौल है, जबकि घर-पालतू जानवरों की देखभाल भी करना जरूरी है। ऐसे में हमें यहीं रुकना पड़ा।”
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर होने वाली धर्मसभा से पहले शहर के मुस्लिम मोहल्लों में सन्नाटा पसरा रहा। बड़ी अनहोनी की आशंका में डरे-सहमे अल्पसंख्यकों के घरों के बाहर कहीं ताले लटके मिले, तो किसी जगह पर उनके परिवारों की महिलाओं और बच्चों को दूसरे जिले में रिश्तेदारों के पास भेज दिया गया।
यह डर का साया तब और गहराता दिखा, जब प्रभु श्रीराम की नगरी में बाकी राज्यों से आने वाले हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं की भीड़ बढ़ रही थी।
वहीं, मुस्लिम बहुल इलाकों में कुछ लोग सुरक्षा इंतजामात को लेकर नाखुश नजर आए। उनका कहना था कि शनिवार (24 नवंबर) दोपहर तक भीतरी इलाकों में केवल पुलिस ही तैनात थी, जबकि शहर में होने वाली धर्मसभा को लेकर अलग-अलग जगहों सीआरपीएफ और यूपी पीएसी की तैनाती भी की गई।
हालांकि, रिपोर्ट में आगे यह भी बताया गया कि स्थानीय मुसलमान शहर के हिंदुओं से नहीं घबराते हैं। वे तो बाहर से आई भीड़ द्वारा जान-माल के नुकसान को लेकर आतंकित रहते हैं। स्थानीय हिंदू ने तो संकट के समय उनकी मदद ही की।
मो. जब्बार ने कहा, “हमारे घर का कुछ हिस्सा तब जला दिया गया था। मुसलमानों के घर के बाहर मुस्लिम तक लिख दिया गया था। एक बार भीड़ हम पर टूट पड़ी थी, तब एसपी सिटी अंजू गुप्ता ने उन्हें बचाया था।”
वहीं, अब्दुल अजीज बोले, “पिता की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। मुझे व अन्य परिवार वालों को भी पीटा था, जिसमें हमें चोटें आई थीं। किसी ने घर भी जला दिया था, तब मोहल्ले के पांडे जी ने हमें पनाह दी थी।” इससे पहले, ‘टीओआई’ की खबर में बताया गया था कि डर के मारे मुस्लिम परिवारों ने अतिरिक्त राशन तक जुटाना शुरू कर दिया था।
बता दें कि 25 नवंबर को दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे तक विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा होगी, जिसमें राम मंदिर निर्माण को लेकर तस्वीर और साफ की जाएगी। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी दो दिन के दौरे पर अयोध्या पहुंचे हैं, जो
यह भी पढ़ें: बीजेपी अध्‍यक्ष ने बंगाल रथयात्रा से पहले कुत्‍तों, सांपों से कर डाली टीएमसी की तुलना
शनिवार को मंदिर निर्माण में हो रही देरी को लेकर मोदी सरकार पर गरजे थे। उन्होंने कहा था, “मुझे मंदिर निर्माण की तारीख चाहिए, बाकी बातें बाद में होंगी।”

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More