प्रवीण तेवतिया जिन्होंने 26/11 हमले में, चार गोलियां झेलकर भी बचाई थी डेढ़ सौ की जान

0
बुलंदशहर,। आतंकी हमले के बाद उनकी आइएनएस अभिमन्यु यूनिट को तत्काल ताज होटल पहुंचने के आदेश दिए गए। यहां फंसे लोगों को सकुशल निकालने और आंतकियों को काबू करने का टास्क मिला।
मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया ने ताज होटल में करीब डेढ सौ लोगों की जान बचाई थी। शौर्य चक्र विजेता इस जांबाज ने बताया, 26/11 के दौरान करंजा में तैनाती थी। यह नेवल बेस मुंबई से पांच नॉटिकल मील की दूरी पर है।
मध्य रात्रि के बाद उनकी टीम ने होटल में प्रवेश किया। होटल में फंसे सैकड़ों लोगों तक पहुंचने के लिए कांच के एक दरवाजे से होकर गुजरना था। इसके पीछे उन्हें तीन विदेशी नागरिक नजर आए।
उन्हें अपना परिचय पत्र दिखाते हुए गेट खोलने को कहा। लेकिन वे गेट खोलने में असफल रहे। इसी दौरान मैं अकेले ही एक अन्य खुले दरवाजे से प्रवेश करने में सफल रहा।
यह दरवाजा मुझे एक अंधरे कमरे में ले गया। इसी कमरे में चार आतंकी मौजूद थे। सात-आठ कदम ही चले होंगे कि एके-47 से आंतकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। मैंने किसी तरह एक सोफे के पीछे पोजीशन ली। गोलियां सिर के आसपास से गुजर रही थीं। बायें कान पर गोली लगी।
खून बह रहा था और मौत निश्चित नजर आ रही थी। सोचा कि मुकाबला करते हुए शहादत पाना सर्वश्रेष्ठ होगा। दर्द को सहते हुए दुश्मन पर ग्रेनेड फेंक दिया, लेकिन दुर्भाग्य से यह फटा नहीं।
यदि यह ग्रेनेड फट जाता तो आतंकियों पर उसी समय काबू पा लिया गया होता और ऑपरेशन लंबा नहीं खिंचता। आतंकियों ने फायर झोंकना जारी रखा।
फायरिंग की आवाज सुनकर बाहर मौजूद फोर्स ने टीयर गैस छोड़नी शुरू कर दी। इसके धुएं से मुझे खांसी आ गई और आतंकियों ने निशाना बना लिया।
एक गोली मेरे फेफड़े से होते हुए बाहर निकल गई। उस समय शरीर गर्म था। इस कारण वह किसी तरह चलकर बाहर खड़ी टीम तक पहुंच बेहोश हो गया।
प्रवीण को चार गोलियां लगी थीं, लेकिन उनके आतंकियों के सामने डटे रहने का फायदा यह हुआ कि आतंकी ताज होटल की पुरानी बिल्डिंग में चले गए और इस भवन में मौजूद डेढ़ सौ से अधिक लोगों तक नहीं पहुंच सके।
घायल प्रवीण पांच महीने तक अस्पताल में भर्ती रहे। इसके बाद उन्होंने जबरदस्त वापसी की। प्रवीण तेवतिया की वीरता पर उन्हें 26 जनवरी 2009 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया।
यह भी पढ़ें: पान मसाले में कत्थे की जगह, इस्तेमाल हो रहा है खतरनाक केमिकल ‘गैम्बियर’
जुलाई 2017 में उन्होंने नौसेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। हाल ही कौन बनेगा करोड़पति ने भी उनपर एक शो केंद्रित किया।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More