अच्छा होता कि हॉकी की जगह क्रिकेट ही खेला होता: हसन सरदार

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सरदार ने प्रेस ट्रस्ट से कहा ,‘‘ पाकिस्तान में अब कोई हाकी संस्कृति नहीं बची है । अब लोग क्रिकेट को ज्यादा पसंद करते हैं और देखते हैं । मुझे लगता है कि यदि मैं अभी बच्चा होता और हॉकी में अच्छा होता तो भी मैं क्रिकेट खेलना पसंद करता ।’’ विश्व कप खेल रही पाकिस्तानी टीम के मैनेजर सरदार ने कहा कि पाकिस्तानी हॉकी में पिछले कुछ अर्से से नायक नहीं निकले हैं।
एक जमाने में दिग्गज रही पाकिस्तान हॉकी टीम अब अपना वजूद बनाये रखने के लिये जूझ रही है और ओलंपिक चैम्पियन पूर्व कप्तान हसन सरदार ने कहा कि खेल की मौजूदा दशा देखते हुए क्रिकेट खेलना बेहतर होता।
पाकिस्तान की 1982 विश्व कप और 1984 ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य रहे सरदार ने कहा कि क्रिकेट के बढ़ते कद और पीएचएफ के गैर पेशेवर रवैये के कारण पाकिस्तान में हॉकी धीरे धीरे खत्म हो रही है।
उन्होंने कहा ,‘‘ अब बच्चे नायक तलाशते हैं । उन्हें रोल मॉडल चाहिये जो हाकी में पिछले कुछ अर्से से नहीं मिले हैं ।’’ तीन बार ओलंपिक और चार बार विश्व कप जीत चुकी पाकिस्तान के इस हश्र के लिये सरदार ने पाकिस्तान हाकी महासंघ को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा ,‘‘ हमारा महासंघ कई समस्याओं से जूझ रहा है । महासंघ के साथ समस्या होने पर असर खिलाड़ियों और कोचों पर पड़ता है।
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हमने कोच रोलेंट ओल्टमेंस को भी इसी के चलते खो दिया ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ अगर हमारा प्रदर्शन बेहतर होगा तो लोग दुनिया में कहीं भी हमारा खेल देखने आयेंगे । हमें तटस्थ जगहों पर खेलने से भी गुरेज नहीं है । हम भारत में भी खेलने को तैयार है, अगर वे पाकिस्तान नहीं आना चाहते तो हम तटस्थ स्थान पर भी खेल सकते हैं ।

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